News: फेसबुक पर लाइव आना गलत नहीं

Update: 2024-07-04 10:09 GMT
Shimla. शिमला। किसी सरकारी कर्मचारी Government employee की कार्रवाई का विरोध करते हुए फेसबुक पर लाइव आकर सीधा प्रसारण करना कोई अपराध नहीं है। प्रदेश हाई कोर्ट ने यह महत्त्वपूर्ण कानूनी स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा किसी लोक सेवक को उसके कार्यों या कत्र्तव्यों के निर्वहन में परेशान किए बिना, फेसबुक लाइव जैसा निष्क्रिय आचरण दिखाना भारतीय दंड संहिता की धारा 186 के तहत कोई अपराध नहीं है। इस धारा के तहत किसी लोक सेवक को स्वेच्छिक रूप से उसके कत्र्तव्य से बाधित करना एक अपराध माना गया है। कोर्ट ने कहा कि बिना किसी प्रत्यक्ष कृत्य के केवल विरोध या असंयमित भाषा का उपयोग करना किसी अधिकारी के सार्वजनिक कार्यों के निर्वहन में बाधा डालने का अपराध नहीं होता। न्यायाधीश संदीप शर्मा ने प्रार्थी सीता राम शर्मा द्वारा दायर याचिका का निपटारा करते हुए यह कानूनी स्थिति स्पष्ट की।
प्रार्थी के अनुसार वह उस समय फेसबुक पर लाइव हुआ था।

जब पुलिस ने ट्रैफिक ड्यूटी के दौरान उससे वाहन से संबंधित दस्तावेज दिखाने के लिए कहा। पुलिस ने प्रार्थी पर लोक सेवक को सार्वजनिक कार्यों के निर्वहन में बाधा डालने के आरोप लगाते हुए भारतीय दंड संहिता की धारा 186 के तहत मामला दर्ज किया था। प्रार्थी ने पुलिस की इस कार्रवाई को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। कोर्ट ने मामले का निपटारा करते हुए कहा कि याचिकाकर्ता के खिलाफ मामले में सटीक आरोप यह है कि वह फेसबुक पर लाइव हुआ और कुछ टिप्पणियां कीं, लेकिन निश्चित रूप सेए उसके इस तरह के कृत्य को लोक सेवक के कामकाज में हस्तक्षेप करना नहीं माना जा सकता। तथ्यों के अनुसार 24 अगस्त 2019 को पुलिस ने याचिकाकर्ता सीता राम शर्मा को कथित तौर पर सीट बेल्ट नहीं पहनने के बाद अपना वाहन रोकने के लिए कहा था। कोर्ट ने दलीलों का विश्लेषण करते हुए कहा कि रिकार्ड से साबित होता है कि याचिकाकर्ता ने फेसबुक पोस्ट करके यह बताने का प्रयास किया कि उसे पुलिस द्वारा अनावश्यक रूप से परेशान किया जा रहा है, जिसे अपराध नहीं कह सकते।
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