झोलाछाप डॉक्टर की वजह से गई नवजात की जान, लगाए 8 इंजेक्शन, गड्ढों वाली सड़कों पर ले गए

केस दर्ज.

Update: 2024-09-08 05:58 GMT
गाजीपुर: उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले में स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है. यहां एक झोलाछाप डॉक्टर ने प्रेग्नेंट महिला की नॉर्मल डिलीवरी के लिए पहले एक के बाद एक कर आठ इंजेक्शन लगा दिए और फिर एक घंटे तक महिला को टेम्पो में बैठाकर गड्ढों वाली सड़कों पर घुमाया. इसके बाद भी महिला की नॉर्मल डिलीवरी नहीं हुई तो फिर महिला को दूसरे अस्पताल जाने के लिए कह दिया. जब दूसरे अस्पताल में महिला की ऑपरेशन से डिलीवरी हुई तबतक नवजात की मौत हो चुकी थी.
जिले के खुदाबख्शपुर गांव की रहने वाली अनीता देवी को प्रसव पीड़ा के बाद छतमा गांव के एक क्लीनिक पर ले जाया गया. जहां डॉक्टर डीके गौतम ने प्रसव के नाम पर लगातार आठ इंजेक्शन लगा दिए. उसके बाद भी प्रसव पीड़ा नहीं होने पर उसने ऑटो में प्रसूता को लिटाकर एक घंटे तक गड्ढे वाली सड़कों पर दौड़ाया. उसने कहा कि गड्ढों में हिचकोले खाने के बाद प्रेशर बनेगा और डिलिवरी हो जाएगी, लेकिन शाम तक क्लीनिक में रखने के बावजूद जब डिलीवरी नहीं हुई तो उसने अपने ही पहचान के हरदासपुर खुर्द में बिना रजिस्ट्रेशन चल रहे जीवनदीप हेल्थ केयर सेंटर में भेज दिया.
यहां डॉक्टर कमलेश चौहान ने पहले नॉर्मल डिलीवरी करने को कहा और पास की ही किसी झोलाछाप महिला डॉक्टर को बुलाकर नॉर्मल डिलीवरी करवाने लगा, फिर ज्यादा स्थिति बिगड़ता देख आधी रात के बाद ऑपरेशन करने की बात कहते हुए 25 हजार रुपयों की मांग की. जब डॉक्टर ने जच्चा-बच्चा दोनों को स्वस्थ रखने का भरोसा दिया तो परिजन ऑपरेशन के लिए राजी हुए. रात दो बजे ऑपरेशन के बाद लड़का पैदा हुआ, लेकिन कुछ ही देर बाद उसकी मौत हो गई.
अस्पताल के कर्मचारियों ने पहले तो प्रसूता से नवजात के मौत की जानकारी छिपाए रखी कि उसे दूसरे अस्पताल में इलाज के लिए भेजा गया है, लेकिन अस्पताल में भीड़ जुटने पर प्रसूता को भी इस घटना की जानकारी हो गई. प्रसूता की हालत बिगड़ने पर एम्बुलेंस से महिला जिला अस्पताल भेज दिया गया. इस मामले में परिजनों ने पुलिस में केस दर्ज कराया है. दुल्लहपुर थाना प्रभारी केपी सिंह ने बताया कि नवजात के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा है. रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.
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