रोहिणी कोर्ट बम ब्लास्ट मामले में नया मोड़, संदिग्ध महिला की तलाश में पुलिस
नई दिल्ली: रोहिणी कोर्ट ब्लास्ट मामले में अब तक की जांच के बाद एक नया मोड़ आ गया है। कोर्ट में लगे करीब 40 सीसीटीवी फुटेज खंगालने के बाद पुलिस के एक संदिग्ध महिला का पता चला। पुलिस को शक है कि इस महिला का कोर्ट में हुए विस्फोट से संबंध हो सकता है। जिसके बाद अब पुलिस की रडार पर आई इस संदिग्ध महिला को ट्रेस करने की पुलिस टीम लगातार कोशिश कर रही है।
फिलहाल पुलिस कोर्ट परिसर में अन्य सीसीटीवी कैमरों को खंगालते हुए उक्त महिला समेत अन्य संदिग्धों का पता लगा रही है। जांच से जुड़े पुलिस सूत्रों ने बताया कि जांच में लगाई गई स्पेशल सेल की टीम ने कोर्ट परिसर में लगे सभी सीसीटीवी फुटेज के सुबह 9 बजे से लेकर 11 बजे तक के सारे फुटेज जब्त किए हैं और उनकी बारीकी से जांच कर सुराग तलाशने की कोशिश कर रही है।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि रोहिणी कोर्ट में विस्फोट के लिए इस्तेमाल किए गए बम की जांच में एनएसजी की टीम भी जुटी हुई है। एनएसजी की ओर से शुक्रवार को आधिकारिक रिपोर्ट स्पेशल सेल को मिलनी थी, जो शुक्रवार को नहीं मिल पाई है। स्पेशल सेल के वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि इस रिपोर्ट के बाद ही बम के प्रकार के बारे में पता चल पाएगा कि वह तीव्र क्षमता वाला था अथवा कम क्षमता वाला। उसमें किस तरह के केमिकल, सर्किट, टाइमर व अन्य नए तरीके के डिवाइस आदि का इस्तेमाल किया गया था।
हालांकि सूत्रों की मानें तो कोर्ट परिसर में इस्तेमाल किए गए बम में अमोनियम नाइट्रेट का इस्तेमाल किया गया था। हालांकि अभी यह पता नहीं लग पाया है कि इसकी कितनी मात्रा विस्फोटक में इस्तेमाल किया गया था। इसके साथ ही उसे 12 वोल्ट की बैटरी भी लगाई थी, लेकिन उसमें कोई भी टाइमर नहीं लगाया गया था। पुलिस ने आशंका जताई कि इस विस्फोट के लिए रिमोट का इस्तेमाल किया गया होगा। ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि विस्फोट करने वाला विस्फोट के समय कोर्ट परिसर में ही मौजूद हो सकता है। इन सभी एंगल पर पुलिस पूरे मामले की छानबीन कर रही है।
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने पूरे मामले को लेकर कोर्ट परिसर में काम करने वाले करीब 35 कर्मचारियों से बातचीत की है। यह बातचीत काफी सख्त लहजे में की गई और उनसे विभिन्न मुद्दों को लेकर उनका पक्ष जानने का प्रयास किया गया। पुलिस को अभी तक मामले में कोई ठोस सबूत नहीं मिल सके हैं। लेकिन पुलिस सूत्रों का कहना है कि अभी तक की जांच में पुलिस ने कुछ कड़ियों को जोड़ने में कामयाबी हासिल की है। उम्मीद है कि बहुत जल्द पुलिस इस घटना पर से पर्दा उठा देगी।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि विस्फोट के समय कोर्ट परिसर और उसके एक किलोमीटर के दायरे में मौजूद मोबाइल नंबरों की जांच के लिए मोबाइल कंपनियों से डंप डाटा मंगवाया गया है। जो जल्द ही पुलिस के पास पहुंच जाएगा। इस डंप डाटा की मदद से पुलिस ऐसे नम्बरों की तलाश करेगी। जो संदिग्ध हो, इस नंबरों से जांच में बड़ा सहयोग मिल सकता है। सेल के एक अधिकारी का कहना है कि डंप डाटा से आसानी से सुराग मिल जाता है। इसलिए आरोपियों द्वारा ऐसी गलती करने की संभावना कम है। उसने वारदात के दौरान मोबाइल का इस्तेमाल नहीं किया होगा।
ज्ञात हो कि गुरुवार सुबह साढ़े दस बजे रोहिणी के कोर्ट रूम नंबर 102 में काले रंग के लैपटाप बैग में बम धमाका हो गया था। घमाके के दौरान महानगर दंडाधिकारी प्रीतू राज एक मामले की सुनवाई कर रहे थे। नायबकोर्ट हवलदार राजीव कुमार समेत कुछ अन्य स्टाफ कोर्ट रूम में मौजूद थे। धमाके में हवलदार घायल हो गए थे। घटना में महानगर दंडाधिकारी समेत कोर्ट कर्मी बाल-बाल बच गए थे।