नेता जी ने बांट दिए नकली सोने के सिक्के, फिर...
वोटरों को लुभाने के लिए नगदी या उपहार देने की परंपरा बन गई है.
बेंगलुरु: तमिलनाडु में वोटरों को लुभाने के लिए नगदी या उपहार देने की परंपरा बन गई है. चुनाव आयोग के फरमान को धका बताकर कई राजनीतिक दलों के प्रत्याशी, वोटरों को अपने पाले में लाने के लिए गिफ्ट देते हैं. अंबुर में एक निर्दलीय प्रत्याशी ने सोने के सिक्के बांटे, लेकिन जब मतदाताओं को सिक्के की सच्चाई पता चली उनके पैरों तले जमीन खिसक गई.
पार्षद पद के लिए अंबुर के 36वें वार्ड से निर्दलीय प्रत्याशी मणिमेगालाई दुरईपंडी ने चुनाव लड़ा था. दुरईपंडी ने 19 फरवरी को नारियल के पेड़ के चिन्ह पर वोट डालने का अनुरोध करते हुए प्रचार किया था और कथित तौर पर 18 फरवरी की रात को अपने पति के साथ मतदाताओं को उपहार दिया था.
क्षेत्र के मतदाताओं का दावा है कि मनीमेगालाई दुरईपंडी ने कथित तौर पर प्रत्येक परिवार को एक छोटे से बॉक्स के अंदर एक सोने का सिक्का दिया था और उनसे मतगणना की तारीख तक इसे नहीं खोलने का अनुरोध किया था. मतदाताओं से कहा था कि अगर वे मतदान के तीन दिनों के भीतर सिक्के का इस्तेमाल करने की कोशिश करते हैं, तो राज्य चुनाव आयोग को इसका पता चल जाएगा और वे इसे जब्त कर लेंगे.
रविवार को कुछ मतदाताओं ने इसे गिरवी रखने की कोशिश की थी और यह जानकर चौंक गए कि सिक्के सोने के नहीं बल्कि तांबे के थे. मतदाताओं का दावा है कि मणिमेगालाई दुरईपंडी ने सोने की पतली परत से लिपटे तांबे के सिक्के दिए थे.
गिफ्ट में सोने का सिक्का लेने वाली एक महिला ने कहा कि मणिमगलाई दुरईपंडी ने उसे बताया था कि उसने 20 लाख रुपये में अपने घर पर गिरवी रखा और सोने के सिक्के खरीदे और उसे वोट देने के लिए भीख मांगी. उसने कहा कि इलाके के लोगों ने दया की और उसे वोट दिया और अब अपने फैसले पर पछता रही है. इस मामले में अभी तक किसी ने पुलिस में शिकायत नहीं की है.