New Delhi. नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय में एक नयी याचिका दायर कर गत पांच मई को आयोजित राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा-स्नातक (नीट-यूजी) में कथित अनियमितताओं की केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से जांच के निर्देश देने का अनुरोध किया गया है। इस परीक्षा में शामिल हुए 10 छात्रों की ओर से दायर याचिका में बिहार पुलिस को मामले की जांच में तेजी लाने और शीर्ष अदालत के समक्ष रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश देने का आग्रह किया गया है। याचिका में कहा गया है कि याचिकाकर्ता परीक्षा रद्द होने के परिणामों से पूरी तरह वाकिफ हैं, लेकिन उनके पास कोई दूसरा विकल्प नहीं है। याचिका के अनुसार, ‘‘वर्ष 2024 की नीट-यूजी परीक्षा में कई अन्य अनियमितताएं थीं, खासकर उम्मीदवारों को समय पर प्रश्नपत्र उपलब्ध कराने में अधिकारियों की ओर से घोर लापरवाही बरती गयी।’’
याचिका में कहा गया है, ‘‘कुछ जगहों पर प्रश्नपत्रों का गलत सेट वितरित किया गया और बाद में वापस मांग लिया गया।’’ शीर्ष अदालत ने अखिल भारतीय मेडिकल प्रवेश परीक्षा आयोजित करने में कथित अनियमितताओं पर बढ़ते आक्रोश के बीच पहले केंद्र, राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) और अन्य से कई याचिकाओं पर जवाब मांगा था, जिनमें नीट-यूजी 2024 परीक्षा को रद्द करने और अदालत की निगरानी में जांच संबंधी याचिकाएं शामिल थीं। शीर्ष अदालत ने विभिन्न उच्च न्यायालयों में लंबित इसी तरह की याचिकाओं पर आगे की कार्यवाही पर भी रोक लगा दी थी। हालांकि, न्यायालय ने यह स्पष्ट कर दिया था कि वह काउंसलिंग प्रक्रिया पर रोक नहीं लगाएगी। परीक्षा पांच मई को 4,750 केंद्रों पर आयोजित की गई थी और लगभग 24 लाख उम्मीदवार इसमें शामिल हुए थे। परीक्षा परिणाम 14 जून को घोषित होने की उम्मीद थी, लेकिन इसे समय से पहले ही चार जून को घोषित कर दिये गये, क्योंकि उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन पहले पूरा हो गया था। अनियमितताओं के आरोपों के कारण कई शहरों में विरोध प्रदर्शन हुए और प्रतिद्वंद्वी राजनीतिक दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर चला।