मुंबई: महाराष्ट्र में सियासी तनाव के बीच बयानबाजी का दौर भी जारी है। अब राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने शिवसेना के बागी विधायकों को 'जुबान संभालने' की हिदायत भी दे दी है। खास बात है कि कई विधायक शिवसेना की स्थिति को लेकर राकंपा प्रमुख शरद पवार और पूर्व उपमुख्यमंत्री अजित पवार पर सवाल उठा रहे हैं। हाल ही में शिवसेना से निकाले गए रामदास कदम ने भी पवार परिवार पर आरोप लगाए थे।
कदम ने शिवसेना की मौजूदा स्थिति का जिम्मेदार शरद पवार और अजित पवार को बताया था। उन्होंने दावा किया था कि यह पवारों की साजिश थी, जिसके चलते वर्तमान हालात तैयार हुए हैं। साथ ही उन्होंने यह बताने की भी मांग की थी कि 'ठाकरे को अभी भी उनका समर्थन क्यों चाहिए' या वे महाविकास अघाड़ी गठबंधन में क्यों रहना चाहते हैं।
मंगलवार को एनसीपी के मुख्य प्रवक्ता महेश तपासे, एनसीपी युवा मोर्चा के अध्यक्ष सूरज चव्हाण और एमएलसी अमोल मितकारी ने कदम को जमकर घेरा। इसपर तपासे ने कहा पूरा राज्य और देश जानता है कि 'क्या मजबूरियां थी, किसकी फाइलें कहां अटकी हुई थीं, जांचें, प्रलोभन या शिवसेना में इस विद्रोह के पीछे कौन है।'
वहीं, चव्हाण ने भी मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का समर्थन करने वाले नेताओं को धमकी दी और पवारों के खिलाफ बोलने से पहले 'भाषा की मर्यादा' की सलाह दी। उन्होंने कहा, 'वे क्या बोल रहे हैं, इसे लेकर उन्हें सतर्क रहना चाहिए... नहीं तो उनके लिए घूमना फिरना मुश्किल हो जाएगा।' खास बात है कि केंद्र सरकार ने शिंदे समूह में आने वाले सांसदों की सुरक्षा बढ़ा दी है।
मितकारी ने कदम से सवाल किया कि वे इतने समय से पार्टी में क्या कर रहे थे और अब NCP पर शिवसेना को खत्म करने के आरोप लगा रहे हैं। साथ ही उन्होंने पवारों पर हमला करने से पहले सोचने के लिए कहा है। एनसीपी नेताओं ने बगावत के लिए भी बागी विधायकों पर निशाना साधा।