ED का बड़ा एक्शन, बैंक के पूर्व CEO समेत 4 अरेस्ट, मचा हड़कंप
जानें पूरा मामला.
पटना: प्रवर्तन निदेशालय यानी की ईडी ने बिहार के वैशाली शहरी विकास (वीएसवी) सहकारी बैंक में धन गबन के मामले में चार लोगों को गिरफ्तार किया है. इनमें बैंक के पूर्व सीईओ विपिन तिवारी, उनके ससुर राम बाबू शांडिल्य, नितिन मेहरा और संदीप सिंह शामिल हैं.
न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक ईडी ने इस घोटाले की जांच के तहत 10 जनवरी को बिहार में राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) विधायक आलोक कुमार मेहता और उनसे जुड़े कुछ अन्य लोगों के ठिकानों पर छापेमारी की थी, आलोक कुमार मेहता उजियारपुर से आरजेडी के विधायक हैं और वो राज्य के पूर्व राजस्व-भूमि सुधार मंत्री भी रह चुके हैं.
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, वीएसवी सहकारी बैंक के प्रमोटरों में मेहता और उनसे जुड़े कुछ अन्य संस्थाएं भी शामिल हैं. यह मामला बैंक और इसके पदाधिकारियों द्वारा किए गए करीब 85 करोड़ रुपये के धन गबन से जुड़ा है.
ईडी ने बताया कि यह घोटाला लगभग 400 फर्जी लोन खातों के जरिए किया गया. इन खातों के तहत फर्जी या जाली गोदाम रसीदों के आधार पर पैसे बांटे गए. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा की गई जांच में बैंक से धन के गबन की पुष्टि हुई है. गिरफ्तार आरोपियों को मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) की विशेष अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है.
ईडी के अनुसार, बैंक के कर्मचारियों और अन्य निजी लोगों ने अपराध की साजिश रचने में मेहता और उनके सहयोगियों के साथ मिलकर काम किया. इन सभी पर ईडी ने छापेमारी और जांच के दायरे में कार्रवाई की है.
इस कार्रवाई पर आरजेडी ने भी प्रतिक्रिया दी है. पार्टी ने केंद्र सरकार पर ईडी और अन्य केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाया है. आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा, 'भाजपा आरजेडी और अन्य विपक्षी दलों के नेताओं को निशाना बनाने के लिए ईडी, सीबीआई और इनकम टैक्स विभाग का इस्तेमाल कर रही है. यह साफ है कि दिल्ली में सत्तारूढ़ सरकार आरजेडी और उसके नेताओं से डरी हुई है, इसलिए हमारे नेताओं के खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों का उपयोग किया जा रहा है.'