जमशेदपुर: झारखंड के जमशेदपुर में सोनारी एयरपोर्ट से उड़ान भरने के करीब आधे घंटे बाद क्रैश हुए प्रशिक्षण विमान का मलबा हादसे के छह दिन बाद सोमवार को पूर्वी सिंहभूम के चांडिल डैम से निकाला गया।
भारतीय नौसेना की टीम ने लगातार पांच दिन के अभियान के बाद क्षतिग्रस्त विमान को डैम की गहराइयों में ढूंढ़ने में सफलता हासिल की। मामले की जांच कर रहे डीजीसीए को क्षतिग्रस्त विमान की जांच से हादसे की वजह का पता लगाने में मदद मिलेगी। विमान पर सवार दोनों पायलटों के शव सर्च ऑपरेशन के तीसरे दिन इसी डैम से निकाले गए थे। यह विमान अलकेमिस्ट एविएशन नामक कंपनी का था, जो जमशेदपुर में पायलट ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट का संचालन करती है। हादसे के बाद इंस्टीट्यूट के संचालन पर रोक लगा दी गई है। अमेरिका में निर्मित ‘सेसना 152’ नामक सिंगल इंजन वाले इस विमान ने 20 अगस्त को उड़ान भरी थी। इसे पटना निवासी पायलट कैप्टन जीत शत्रु आनंद उड़ा रहे थे, जबकि उनके साथ जमशेदपुर निवासी ट्रेनी पायलट शुभ्रोदीप दत्ता सवार थे। उड़ान भरने के करीब 20 मिनट बाद विमान का एटीसी से संपर्क टूट गया था।
अंतिम लोकेशन के आधार पर इसकी तलाश शुरू हुई थी, लेकिन पहले दिन इसका कोई पता नहीं चल पाया था। दूसरे दिन चांडिल डैम में प्यालीडीह नामक स्थान पर स्नान करने गये दो ग्रामीणों तपन मांझी और रूसा मांझी ने तलाश में जुटी पुलिस को बताया कि उन्होंने एक विमान को डैम में गिरते देखा था। इसके बाद एनडीआरएफ और भारतीय नौसेना ने सर्च ऑपरेशन शुरू किया था। विमान के कुछ टुकड़े रविवार को डैम से निकाले गए थे। इसके बाद उसी लोकेशन पर सोमवार को डीप सर्च ऑपरेशन चलाया गया और बैलून की मदद से इसका पूरा मलबा बाहर निकाल लिया गया।