नवजोत सिंह सिद्धू को मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने बुलाया, आज दोपहर 3 बजे होगी बातचीत
आलकमान के सख़्त रुख से नम्र पढ़े सिद्धू, सीएम का नेवता स्वीकारा
पंजाब। पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देकर पंजाब से लेकर दिल्ली तक खलबली मचाने वाले नवजोत सिंह सिद्धू आखिरकार बातचीत के लिए मान गए हैं और मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी की पेशकश को स्वीकार कर लिया है। अपने फैसले पर अब तक कायम रहे सिद्धू वार्ता के लिए तैयार हो गए हैं, जिससे यह उम्मीद जताई जा रही है कि क्या पंजाब का संग्राम अब खत्म हो जाएगा? नवजोत सिंह सिद्धू ने खुद ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है कि वह आज दोपहर तीन बजे पंजाब भवन में पहुंच कर मुख्यमंत्री से बातचीत करेंगे। बता दें कि पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने नाराज चल रहे नवजोत सिंह सिद्धू से बुधवार को टेलीफोन पर बातचीत की और मुद्दों को सुलझाने के लिए वार्ता की पेशकश की।
नवजोत सिंह सिद्धू ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया, 'मुख्यमंत्री ने मुझे बातचीत के लिए आमंत्रित किया है... आज दोपहर 3:00 बजे पंजाब भवन, चंडीगढ़ पहुंचकर बातचीत करूंगा। किसी भी चर्चा के लिए उनका स्वागत है!' माना जा रहा है कि कांग्रेस आलाकमान ने बातचीत के लिए सिद्धू से दूरी बना ली है, जिसकी वजह से अब सिद्धू बातचीत को तैयार हुआ हैं। बता दें कि इससे पहले सिद्धू को मनाने के प्रयास में मंत्रियों परगट सिंह, अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग सहित कई नेताओं ने पटियाला में उनके आवास पर उनसे मुलाकात की थी और उन्होंने सिद्धू से पार्टी को मजबूत करने के लिए काम करने का आग्रह किया।
बातचीत का प्रस्ताव देने वाले सीएम चन्नी ने बुधवार को कहा था कि पार्टी सर्वोपरि है और सरकार पार्टी की विचारधारा का अनुसरण करती है। उन्होंने बुधवार को कैबिनेट बैठक से अलग संवाददाताओं से कहा, 'मैंने आज टेलीफोन पर सिद्धू साहब से बात की। पार्टी सर्वोपरि है और सरकार पार्टी की विचारधारा को स्वीकार कर उसका अनुसरण करती है। (मैंने उनसे कहा कि) आपको आना चाहिए और बैठकर बात करनी चाहिए।' उन्होंने कहा, 'अगर आपको (सिद्धू) को कुछ गलत लगता है तो आप उस बारे में बता सकते हैं और (प्रदेश) अध्यक्ष पार्टी का प्रमुख होता है। प्रमुख को परिवार के बीच बैठना चाहिए।''
दरअसल, सिद्धू ने इस्तीफा देकर कांग्रेस में नया संकट पैदा कर दिया है। उन्होंने बुधवार को अपनी चुप्पी तोड़ी और पुलिस महानिदेशक, राज्य के महाधिवक्ता तथा 'दागी' नेताओं की नियुक्ति पर सवाल खड़े किए। बुधवार को सिद्धू ने अपने ट्विटर हैंडल पर पोस्ट किए गए एक वीडियो संदेश में कहा कि वह एक सिद्धांतवाती नेता हैं और वह कभी अपने सिद्धांतों के सात समझौता नहीं करेंगे। उन्होंने वीडियो में कहा, 'यह व्यक्तिगत लड़ाई नहीं बल्कि सिद्धांतों की लड़ाई है। मैं सिद्धांतों से समझौता नहीं करूंगा और मैं अपनी आखिरी सांस तक सच्चाई के लिए लड़ूंगा। मैं आलाकमान को नहीं गुमराह कर सकता हूं और न ही गुमराह होने दे सकता हूं। मैं पंजाब के लोगों के लिए कोई भी कुर्बानी दे सकता हूं, मगर अपने सिद्धांतों से समझौता नहीं करूंगा।'