मानसून सत्र में 12 हजार करोड़ की राहत का राष्ट्रीय आपदा प्रस्ताव पारित

Update: 2023-09-26 10:11 GMT
शिमला। मानसून सत्र में विधानसभा की कार्यवाही 36 घंटे और 38 मिनट तक चली। इस दौरान 743 सवाल पूछे गए, इनमें से 547 प्रश्न तारांकित और 196 अतारांकित प्रश्न शामिल हैं। इस सत्र के दौरान कुल 369 तारांकित तथा 186 अतारांकित प्रश्नों की सूचनाओं पर सरकार ने उपलब्ध करवाए हैं। विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप पठानिया ने कहा कि सत्र 18 सितंबर को चार बजे आरंभ हुआ था। उन्होंने कहा कि मानसून सत्र में नियम-61 के अंतर्गत आठ, नियम 62 के अंतर्गत पांच, नियम 101 के अंतर्गत तीन, नियम 130 के अंतर्गत तीन और नियम 324 में नौ विषयों पर सार्थक चर्चा की गई। उन्होंने बताया कि नियम 102 के तहत एक सरकारी संकल्प जो प्रदेश में मानसून के कारण हुए नुकसान के दृष्टिगत इसे राष्ट्रीय आपदा मानते हुए हिमाचल प्रदेश के लिए 12 हजार करोड़ रुपए का विशेष पैकेज दिया जाए पर सदन में सार्थक चर्चा होने के उपरांत पास किया गया। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय आपदा पर चर्चा 15 घंटे 30 मिनट तक चली।
सभा की समितियों के 85 प्रतिवेदन सभा में उपस्थापित किए गए। बजट सत्र में नियम 63 के अंतर्गत पारित प्रस्ताव प्रदेश में भांग के औषधीय गुणों को देखते हुए प्रदेश में इसकी खेती वैध करने के बारे में सरकार ने गठित समिति का प्रतिवेदन भी सदन में प्रस्तुत किया गया। इसके साथ ही उपमुख्यमंत्री ने वित्तीय स्थिति पर श्वेत पत्र प्रस्तुत किया। श्री पठानिया ने कहा कि अभी तक इस कैलेंडर वर्ष में 26 बैठकें पूरी हो चुकी हैं। पिछले सत्र में 16 बैठकों का आयोजन किया गया था। इसकी कार्यवाही 75 घंटे चली थी और उसकी उत्पादकता 94 प्रतिशत रही थी। उस दौरान 1215 सूचनाएं सदस्यों से प्रश्नों के माध्यम से प्राप्त हुई थी। सदस्यों के माध्यम से जो सूचनाएं इस सत्र में प्राप्त हुई थी, वह मुख्य रूप से प्रदेश में हाल ही में भारी वर्षा और प्राकृतिक आपदा से पैदा हुई स्थिति सहित सरकार के प्रयासों, सडक़ों की दयनीय स्थिति और उसकी बहाली, स्वीकृत सडक़ों, महाविद्यालयों, स्कूलों, स्वास्थ्य संस्थानों इत्यादि का उन्नयन और मिश्रित विभागों में रिक्त पदों की पदपूर्ति, पर्यटन, उद्यान, राजस्व, पेयजल की आपूर्ति, नशे की रोकथाम, बढ़ते अपराधिक मामलों, सौर ऊर्जा, परिवहन व्यवस्था पर आधारित थी।
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