नरेंद्र गिरि मौत केस: आनंद गिरि का पॉलीग्राफी टेस्ट कराने की तैयारी में CBI

Update: 2021-10-02 06:15 GMT

प्रयागराज: महंत नरेंद्र गिरि को आत्महत्या के लिए उकसाने और अश्लील वीडियो के नाम पर मानसिक रूप से परेशान करने वाले शख्स का पता लगाने के लिए सीबीआई वैज्ञानिक साक्ष्यों के आधार पर जांच कर रही है। अगर इस प्रकरण में कोई ठोस साक्ष्य नहीं मिला तो आरोपी शिष्य आनंद गिरि का सीबीआई लाई डिटेक्टर यानी पॉलीग्राफ टेस्ट करा सकती है। ताकि सच सामने आ सके। हालांकि यह टेस्ट को कराने से पहले सीबीआई को कोर्ट से अनुमति लेनी होगी।

महंत नरेंद्र गिरि की मौत के लिए जिम्मेदार बताए जा रहे तीनों आरोपी आनंद गिरि, आद्या तिवारी और संदीप तिवारी सीबीआई की कस्टडी में हैं। प्रयागराज से लेकर हरिद्वार तक सीबीआई की टीम छापामारी कर रही है। जिन लोगों पर शक है, उनसे पूछताछ चल रही है। आनंद गिरि का मोबाइल और लैपटॉप भी बरामद हो चुका है। लेकिन इस पूरी कार्रवाई के दौरान सीबीआई को अभी तक वह वीडियो नहीं मिला जिसके दबाव में आकर महंत नरेंद्र गिरि ने फांसी लगाई थी।
दूसरा उस व्यक्ति का भी पता नहीं चला है कि जिसने हरिद्वार से महंत नरेंद्र गिरि को यह बताया था कि उनका वीडियो आनंद गिरि वायरल करने वाले हैं। इन दोनों सवालों का पता लगाने के लिए अब सीबीआई आनंद गिरि का पॉलीग्राफी टेस्ट करा सकती है। इससे यह भी पता चल जाएगा कि कहीं आनंद गिरि के नाम पर कहीं कोई तीसरा व्यक्ति तो शामिल नहीं है।
धनबाद के जिला एवं सत्र न्यायाधीश-8 उत्तम आनंद की मौत के मामले में सीबीआई ने अगस्त 2021 में दो आरोपियों का लाई डिटेक्टर टेस्ट कराया था। इस मामले में सीबीआई ने गिरफ्तार ऑटो चालक लखन वर्मा और उसके सहयोगी राहुल वर्मा की लाई डिटेस्टर जांच कराई जिसमें दोनों आरोपियों ने पहले से जज को पहचानने की बात से इंकार किया था।
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