बॉम्बे हाईकोर्ट से नारायण राणे को मिली बड़ी राहत, महाराष्ट्र सरकार ने कही यह बात
मुंबई: केंद्रीय कैबिनेट मंत्री नारायण राणे को महाराष्ट्र सरकार से बड़ी राहत मिली है. सरकार ने महाराष्ट्र के महाधिवक्ता आशुतोष कुंभकोनी की सलाह पर राणे के बंगले में अवैध निर्माण को गिराने के अपने आदेश को वापस ले लिया है. हाई कोर्ट में मंगलवार को कुंभकोनी ने प्राधिकरण द्वारा पारित बैठक के प्रमुख बिंदुओं को पढ़कर बताया कि हमने कार्रवाई करने का अपना अधिकार सुरक्षित रख लिया है. इसके बाद जस्टिस एए सैयद और एमएस कार्णिक की बेंच ने राणे की याचिका का निस्तारण कर दिया है.
कालका रियल एस्टेट ने याचिका दाखिलकर सरकार के बंगला गिराने के आदेश के खिलाफ हाई कोर्ट का दरवाया खटखटाया था. 'आदिश' बंगला इसी कंपनी का है. राणे और उसके परिवार के सदस्य कंपनी में अंशधारक हैं. राणे का परिवार इसी बंगले में रहता है. राणे के वकील मिलिंद साठे और अमोघ सिंह ने बताया कि सरकार ने 21 मार्च को कार्रवाई का आदेश जारी किया था.
सरकार का कार्रवाई का आदेश आर्टलाइन प्रॉपर्टीज प्राइवेट लिमिटेड के नाम से जारी किया गया था. इस कंपनी का 2017 में कालका कंपनी में विलय हो गया था. यह कंपनी राणे के एक पारिवारिक सदस्य की कंपनी थी. 22 जनवरी 2013 को इसको व्यवसायिक प्रमाण पत्र जारी किया गया था.
महाराष्ट्र सरकार ने मुंबई उपनगरीय जिले के कलेक्टर और पश्चिमी सबर्ब के सब डिविजनल अधिकारी के जरिए तटीय पर्यावरण की रक्षा और सुधार के उद्देश्य से गवर्नमेंट रिजॉल्यूशन 2011 के तहत यह आदेश पारित किया था. राणे की वकील ने बताया कि सब डिविजनल अधिकारी कार्यालय ने बिना किसी पूर्व कारण बताओ नोटिस के उनके बंगले में किसी भी तरह के अवैध निर्माण को हटाने का निर्देश जारी कर दिया था. हालांकि अवैध निर्माण न मिलने पर 28 मार्च को इस आदेश को पास ले लिया गया.