नारदा स्टिंग केस: TMC के शीर्ष नेताओं पर मुकदमा चलाएगी CBI, राज्यपाल ने दी मंजूरी

पश्चिम बंगाल के राज्यपाल ने तृणमूल कांग्रेस के शीर्ष नेताओं व पूर्व मंत्रियों के खिलाफ केस चलाने को मंजूरी दे दी है।

Update: 2021-05-10 09:41 GMT

पश्चिम बंगाल के राज्यपाल ने तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के शीर्ष नेताओं व पूर्व मंत्रियों के खिलाफ केस चलाने को मंजूरी दे दी है। बता दें केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने राज्यपाल जगदीप धनखड़ से नारद स्टिंग मामले में फिरहाद हकीम, सुब्रत मुखर्जी, मदन मित्रा और सोवन चटर्जी के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए अनुमति मांगी थी। ये सभी उस समय मंत्री थे जब कथित नारद स्टिंग टेप सामने आया था।

राजभवन के विशेष कार्य पदाधिकारी (ओएसडी) ने रविवार को एक विज्ञप्ति में कहा, 'मीडिया रिपोर्टों पर ध्यान देने के बाद पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने पश्चिम बंगाल विधानसभा के सदस्य होने वाले व्यक्तियों के संबंध में अभियोजन के लिए मंजूरी दी है। राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने फिरहाद हकीम, सुब्रत मुखर्जी, मदन मित्रा और सोवन चटर्जी के संबंध में अभियोजन के लिए मंजूरी दी है। अपराध के प्रासंगिक समय में यह सभी पश्चिम बंगाल सरकार में मंत्रियों के पद संभाल रहे थे।'
सीबीआई ने मामले से संबंधित दस्तावेज राज्यपाल के सामने पेश किए
राजभवन के ओएसडी ने आगे कहा, 'राज्यपाल कानून के संदर्भ में मंजूरी प्रदान करने के लिए सक्षम प्राधिकारी हैं, क्योंकि वे संविधान के अनुच्छेद 164 के संदर्भ में ऐसे मंत्रियों की नियुक्ति करते हैं।' बयान में कहा गया कि राज्यपाल ने इन चार नेताओं के खिलाफ अभियोजन की मंजूरी तब दी जब सीबीआई ने मामले से संबंधित सभी दस्तावेज मुहैया कराए। मालूम हो कि हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में हकीम, मुखर्जी और मित्रा एक बार फिर से टीएमसी के विधायक चुने गए हैं, जबकि भाजपा में शामिल होने के लिए टीएमसी छोड़ चुके चटर्जी ने दोनों ही दलों से नाता तोड़ लिया है।
नारदा स्टिंग टेप
पश्चिम बंगाल में साल 2016 के विधानसभा चुनावों से पहले नारदा स्टिंग टेप सार्वजनिक किए गए थे। दावा किया गया था कि ये टेप साल 2014 में रिकॉर्ड किए गए थे और इसमें टीएमसी के मंत्री, सांसद और विधायक की तरह दिखने वाले व्यक्तियों को कथित रूप से एक काल्पनिक कंपनी के प्रतिनिधियों से कैश लेते दिखाया गया था। स्टिंग ऑपरेशन कथित तौर पर नारदा न्यूज पोर्टल के मैथ्यू सैमुअल ने किया था। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने मार्च, 2017 में स्टिंग ऑपरेशन की सीबीआई जांच का आदेश दिया था।
राज्यपाल ने किया ट्वीट
इधर, राज्य में विधानसभा चुनाव के दौरान से ही लगातार हो रही हिंसा, लूट व मारपीट की घटनाओं के लेकर राज्यपाल ने ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा, 'अपने संवैधानिक कर्तव्य के हिस्से के रूप में, मैंने राज्य के प्रभावित हिस्सों का दौरा करने का फैसला किया है और सरकार से व्यवस्था करने को कहा है। दुर्भाग्य से, उनका रवैया बहुत प्रतिक्रियाशील नहीं है। मैं अपने कार्यक्रम के अनुसार आगे बढ़ूंगा और आने वाले दिनों में स्वयं यात्रा के लिए व्यवस्था करूंगा।' उन्होंने आगे कहा, 'चुनाव के बाद हम राज्य में गहरे संकट में हैं। हिंसा, आगजनी, लूट की घटनाओं के बाद अब यहां डराना-धमकाना व जबरन वसूली भी शुरू हो गई है। यह चिंताजनक है।'
बता दें अभी रविवार (9 मई) को भी राज्यपाल ने एक ट्वीट किया था, जिसमें उन्होंने पुलिस महानिदेशक और कोलकाता पुलिस आयुक्त की तरफ से राज्य में कानून व्यवस्था से जुड़े ताजा हालातों की जानकारी नहीं देने के चलते नाराजगी व्यक्त की थी।

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