नेमप्लेट विवाद: सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद विपक्ष बोला - 'सरकार अदालत से सीखे'

Update: 2024-07-22 10:34 GMT
सांकेतिक तस्वीर
लखनऊ: उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सरकार ने कांवड़ यात्रा मार्ग में सभी दुकानों पर नेमप्लेट लगाने का आदेश जारी किया था। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को रोक लगा दी। इस मामले में कांग्रेस और सपा ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। दोनों दलों ने कहा कि सरकार के ऐसे निर्णयों से भाईचारा खत्म होगा।
कांग्रेस प्रवक्ता अंशू अवस्थी ने कहा कि न्यायालय ने यूपी की योगी सरकार के समाज में जहर घोलने वाले नाम लिखने वाले आदेश पर रोक लगाकर इस देश के भाईचारे को मजबूती दी है। भाजपा की योगी सरकार को अलग-अलग न्यायालय द्वारा बार-बार किरकिरी का सामना करना पड़ रहा है, फिर भी सीख नहीं लेते हैं।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जी प्रदेश और परिवार बड़े मन और उदार भाव से चलता है। कभी भी इस तरीके के समाज में जहर बोलने वाले निर्णय को करने से पहले सौ बार आपको जरूर सोचना चाहिए और आज के न्यायालय के इस निर्णय से मुख्यमंत्री आपको सीख लेनी चाहिए।
सपा प्रवक्ता सुनील साजन ने कहा कि जब ऐसा आदेश सरकार लाई तभी हमारे नेता ने कहा था कि ऐसे निर्णयों पर कोर्ट को स्वत: संज्ञान लेना चाहिए। भाजपा जब जनता की अदालत में गई तो उन्होंने ठीक कर दिया, फिर कोर्ट में मुंह की खानी पड़ी।
उन्होंने आगे कहा कि भाजपा को समझना चाहिए कि देश जाति-धर्म के नाम पर बंटवारा से नहीं चलेगा। यहां की संस्कृति-सभ्यता एक दूसरे के सम्मान और एक दूसरे से मिलकर है। अभी जब यह उपचुनाव में जाएंगे तो इन्हें फिर मुंह की खानी पड़ेगी। क्योंकि यह अपने नफरत और बंटवारे वाले एजेंडे से हट नहीं पा रहे हैं।
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