यूपी। उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के हापुड़ में एक आठ साल के बच्चे को रॉग नंबर डॉयल करना महंगा पड़ा गया. क्योंकि उसने गलती से उत्तराखंड (Uttarakhand)के हल्द्वानी के एक निजी अस्पताल के मालिक और ईएनटी डॉक्टर को फोन किया और उससे तीन करोड़ की रंगदारी मांगी. जिसके बाद डॉक्टर ने पुलिस के पास मामला दर्ज कराया. मामला दर्ज होने के बाद जब पुलिस ने नंबर की जांच की तो नंबर हापुड़ के रहने वाले व्यक्ति का निकला. मामला दर्ज होने के बाद बच्चे का पिता हल्द्वानी पहुंचा और चाइल्ड वेलफेयर केयर (CWC) के समक्ष अपना बयान दर्ज कराया. उन्होंने बताया कि दोस्त के पिता का नंबर मानकर बच्चे ने फोन किया और मजाक में तीन करोड़ की रंगदारी मांगी. लेकिन ये ये फोन हल्द्वानी के ईएनटी डॉक्टर के पास चला गया.
जिले के एसएसपी पंकज भट्ट ने बताया कि रामपुर रोड स्थित गर्व डायग्नोस्टिक सेंटर एंड हॉस्पिटल के मालिक डॉ वैभव कुच्छल के पास 9 मई की शाम को एक अज्ञात नंबर से फोन आया था और फोन करने वाले ने तीन करोड़ की रंगदारी मांगी. फोन करने वाले ने कहा कि अगर फिरौती के पैसे नहीं मिले तो उनके बेटे का अपहरण कर लिया जाएगा. इसके बाद डॉक्टर ने पुलिस के पास मामला दर्ज कराया और पुलिस ने इसकी जांच की तो पता चला कि नंबर हापुड़ के रहने वाले एक बढ़ई का है और उसके बच्चे ने मजाक में ये फोन किया था.
एसएसपी के मुताबिक पिता बुधवार को अपने बच्चे को लेकर हल्द्वानी पहुंचे और उनका कहना है कि बच्चा केवल आठ साल का है. बच्चे के पिता से सीडब्ल्यूसी में बयान दर्ज कराने को कहा है. बच्चे ने कहा कि दोस्त के पिता का मोबाइल नंबर उसकी मां के मोबाइल में सेव था और उसने मजाक में तीन करोड़ की रंगदारी मांगी. लेकिन उसे मालूम नहीं था कि ये नंबर गलत जगह लगा है. बच्चे का कहना है कि उसने एक नहीं बल्कि कई बार फोन किया.
गौरतलब है कि साल 2020 में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि नाबालिग को जेल या पुलिस हिरासत में नहीं रखा जा सकता है. लिहाजा इस मामले में पुलिस ने सतर्कता बरती. पुलिस के मुताबिक फोन करने पर हापुड़ से कारपेंटर खुद बच्चे को लेकर यहां पहुंचा औऱ दोनों पिता-पुत्र को थाने और चौकी से दूर रखा गया. इस मामले में सीडब्ल्यूसी ने बच्चे के बयान दर्ज किए हैं.