नगा समूह ने विवादित असम-नागालैंड सीमा क्षेत्रों में खनिज अन्वेषण पर आपत्ति जताई

Update: 2023-04-24 00:53 GMT
कोहिमा। छह नगा संगठनों के समूह नगा नेशनल पॉलिटिकल ग्रुप्स (एनएनपीजी) ने रविवार को मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो से असम के साथ अशांत, अनसुलझे सीमा क्षेत्रों और उनमें खनिज अन्वेषण के प्रयास पर आपत्ति जताई, क्योंकि वह संरक्षित क्षेत्र है। रियो और उनके असम के समकक्ष हिमंत बिस्वा सरमा ने पिछले सप्ताह सीमा विवादों के समाधान पर बातचीत की और दोनों राज्यों के आर्थिक लाभ के लिए विवादित क्षेत्रों में तेल की खोज पर सैद्धांतिक रूप से सहमति जताई थी।

दोनों मुख्यमंत्रियों ने अंतर-राज्यीय सीमा पर आपसी हितों और तेल की खोज में सहयोग के मुद्दों पर भी चर्चा की थी। सरमा के साथ बैठक के बाद रियो ने मीडिया को बताया था कि दोनों राज्यों ने सैद्धांतिक रूप से अंतर्राज्यीय सीमा से लगे विवादित क्षेत्रों में तेल की खोज के लिए सहमति पत्र बनाने का फैसला किया है, ताकि तेल निकाला जा सके और दोनों राज्यों के बीच रॉयल्टी साझा की जा सके।

उन्होंने कहा, एक बार जब यह औपचारिक हो जाएगा, तो नगालैंड के अंदर भी तेल की खोज के लिए बड़ी संभावनाएं हैं और देश को बड़े पैमाने पर तेल की जरूरत है। नगालैंड में काफी समय से तेल की खोज नहीं की जा सकी है, क्योंकि केंद्र और राज्य के बीच अन्वेषण के मुद्दे पर गतिरोध बना हुआ है। एनएनपीजी की कार्यसमिति ने रविवार को एक बयान में कहा कि वह नगालैंड के मुख्यमंत्री से असम के साथ अशांत, अनसुलझे सीमा क्षेत्रों और उनमें खनिज अन्वेषण के प्रयास पर किसी भी तरह के समझौते को वापस लेने की मांग करने के लिए विवश है।

बयान में कहा गया, असम और नगालैंड के पास तेल की खोज या अनसुलझे सीमा क्षेत्रों पर किसी भी साझा अनुबंध पर बातचीत करने या आपसी समझौते करने की कोई शक्ति नहीं है, क्योंकि यह मामला एनएनपीजी और भारत सरकार के बीच गहन बातचीत का विषय रहा है। इसमें कहा गया है कि यह विषय नगा राजनीतिक वार्ता का एक प्रमुख हिस्सा है, जिसके लिए केंद्रीय और नगा वातार्कारों के बीच बातचीत की जा रही है और अंतिम समझौते की प्रतीक्षा की जा रही है। एनएनपीजी ने कहा, जहां तक विवादित क्षेत्रों का कार्मिक संबंध है, असम और नागालैंड दोनों राज्य सरकारें केवल कार्यवाहक सरकारें हैं।

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