मेरा बेटा कही भागा नहीं, केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा ने दिखाई पद की धौंस

Update: 2021-10-08 11:26 GMT

लखीमपुर खीरी कांड पर मामला दिन प्रतिदिन गर्म होता नजर आ रहा है. एक तरफ जहां विपक्ष केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के इस्तीफे की मांग कर रहा है वहीं दूसरी तरफ आशीष की गिरफ्तारी को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं. इस पर अब खुद मंत्री अजय मिश्रा का बयान सामने आया है. अजय मिश्रा ने कहा कि मेरा बेटा कल (शनिवार) को हाजिर होगा और मामले में पुलिस का सहयोग भी करेगा. वो कहीं भागा नहीं है. वो निर्दोष है, आज उसका स्वास्थ्य ठीक नहीं था, कल वो सबूतों के साथ जांच एजेंसी के सामने पेश होगा. जांच होने दीजिये, सच सभी के सामने आ जाएगा. इसके अलावा इस्तीफे की मांग को लेकर अजय मिश्रा ने कहा कि विपक्ष का काम ही है इस्तीफा मांगना.

उन्होंने कहा कि मेरा बेटा उस घटना में शामिल नहीं था. किसी भी वीडियो में उसका जिक्र नहीं है. वह दंगल का संचालन कर रहा था. इसके अलावा उन्होंने कहा कि किसानों के भेष में उपद्रवियों ने लोगों को मारा पीटा, अगर मेरा बेटा मौके पर होता तो उसको भी मारा जाता.

मेरे मंत्री होते हुए भी मेरे बेटे पर FIR हो चुकी है: अजय मिश्रा

अजय मिश्रा ने आगे कहा कि मेरा बेटा अभी अपने घर में बैठा हुआ है. जिस को मिलना है, जाकर मिले नोटिस का जवाब हमने दिया है. आगे भी जो प्रक्रिया होगी इसमें पूरा सहयोग रहेगा. मेरे मंत्री होते हुए भी मेरे बेटे पर एफआईआर हो चुकी है. भाजपा की सरकार में न्याय होता है. जितने बड़े पद पर हूं, कोई और होता तो मुकदमा दर्ज नहीं होता. ये भाजपा की सरकार है सबके लिए समान कानून है. हम लोग निष्पक्ष जांच करा रहे हैं. वहीं उन्होंने अखिलेश यादव और प्रियंका गांधी की तरफ से हो रहे हमलों पर कहा कि यह लोग पॉलिटिकल फायदा लेने के लिए यह सब कर रहे हैं. बता दें कि लखीमपुर खीरी कांड पर सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई हुई और इसमें यूपी सरकार को जमकर फटकार लगाई गई. कोर्ट ने कहा कि वह यूपी सरकार द्वारा अबतक की गई कार्रवाई से संतुष्ट नहीं है.

गंभीर आरोपों पर अलग बर्ताव क्यों: CJI

वहीं यूपी सरकार की तरफ से सीनियर वकील हरीश साल्वे ने सुप्रीम कोर्ट को कहा कि अभियुक्त आशीष मिश्रा को नोटिस भेजा गया है वो आज आने वाला था. लेकिन उसने कल सुबह तक का टाइम मांगा है. हमने उसे कल शनिवार सुबह 11 बजे तक की मोहलत दी है. सीजेआई ने पूछा कि जिम्मेदार सरकार और प्रशासन द्वारा इतने गंभीर आरोपों पर अलग बर्ताव क्यों किया जा रहा है? कोर्ट ने कहा कि मामला जब 302 का है तो फिर बाकी मामलों की तरह गिरफ्तारी क्यों नहीं की गई.

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