पुजारी ने की मुस्लिम युवक की बेरहमी से हत्या, शव के किए कई टुकड़े
मामलें में हुआ बड़ा खुलासा
धौलपुर। धौलपुर के बाड़ी उपखंड के कंचनपुर थाना क्षेत्र के भीमगढ़ गांव में नदी किनारे स्थित चामड़ माता मंदिर के पुजारी महाबुद्दीन उर्फ भावउद्दीन की निर्मम हत्या और शरीर के कई टुकड़े कर नदी में फेंकने के मामले में गिरफ्त में आए आरोपी महेशदास उर्फ जालिम सिंह ने कई खुलासे किए हैं। उसने हत्या करना स्वीकार करते हुए पूरी साजिश का भी राज खोल दिया है। आरोपी ने बताया कि उसने पहले डंडे से महाबुद्दीन को बेहोश किया और फिर फावड़े से दोनों हाथ, दोनों पैरों को काटकर अलग करते हुए धड़ और सिर को भी काटकर अलग कर दिया। कंचनपुर पुलिस ने 3 दिन के पीसी रिमांड के दौरान आरोपी से पूछताछ में हत्या के पूरे मामले की जानकारी ली है। साथ जिस हथियार से हत्या की गई पुलिस ने मौका स्थल पर जाकर उसे बरामद कर लिया है। रिमांड पूरा होने पर आरोपी को शुक्रवार को कोर्ट में पेश किया। जहां से उसे जेल भेज दिया गया है। घटना में आरोपी बाबा महेशदास के अलावा किसी अन्य बाबा या अन्य आरोपी के शामिल होने की सम्भावना से भी पुलिस ने इनकार किया है।
कंचनपुर एसएचओ हेमराज शर्मा ने बताया 21 दिसंबर बुधवार को भीमगढ़ गांव में नदी किनारे चामड़ माता मंदिर के पुजारी भावुउद्दीन उर्फ महाबुद्दीन पुत्र शेरखान का कटा हुआ शव नदी किनारे 2 कट्टों में पड़ा मिला था, जिसमें से सिर गायब था। मामले में पास स्थित लोचन दास की गुफा में रहने वाले बाबा महेशदास के साथ केशव दास और सियाराम पर शक था, जो वारदात स्थल से गायब थे। आरोपी महेश दास को पुलिस ने 26 दिसंबर को मथुरा बस स्टैंड से गिरफ्तार कर लिया, जिसे कोर्ट में पेश कर 3 दिन की पीसी रिमांड पर लिया था। जिसने अपना जुर्म कबूल लिया है। 27 दिसंबर को चामड़ माता मंदिर के पीछे एक खाई में कटा हुआ सिर मिला, जिसे डीएनए जांच के लिए भेजा गया है।
आरोपी महेशदास ने ईर्ष्या के चलते 17 दिसंबर को पहले डंडा मारकर बाबा महाबुद्दीन उर्फ भावउद्दीन को अचेत किया और बाद में फावड़े से शरीर के टुकड़े किए। इसके बाद टुकड़ों को कट्टों में भरकर जब उनको फेंकने लगा तो सिर को जंगली जानवर उठा कर ले गए, जो बाद में उसे नहीं मिला। घटना के बाद आरोपी ने अपने कपड़ों को भी उतार कर गुफा के पास छिपा दिए। प्रयास यही था कि कटा हुआ शरीर जब नदी में जाएगा तो कुछ भी नहीं बचेगा, जलीय जीव उसे खा जाएंगे। एसएचओ हेमराज शर्मा ने बताया कि आरोपी गुफा में अन्य बाबा सियाराम और केशवदास के साथ रहता था। वह वारदात के बाद दोनों बाबाओं के साथ हाथ तापने लगा तो उसके शरीर पर खून देखकर दोनों बाबा घबरा गए और अलसुबह रविवार को तीनों बाबा गुफा से गायब हो गए।
पुलिस के अनुसार करीब एक महीने पहले चामड़ माता मंदिर के पुजारी महाबुद्दीन से आरोपी महेश दास की परात को लेकर लड़ाई हुई थी, जिसमें आरोपी मंदिर से आटा लेकर आया था। बाद में परात भी नहीं लौटाई तो महाबुद्दीन उसे मांगने आया। इस दौरान दोनों में झगड़ा हुआ, जो धीरे-धीरे बढ़ता चला गया और दोनों बाबाओं के बीच ईर्ष्या भर गई। आरोपी महेशदास का कहना है कि महाबुद्दीन अपने पास हमेशा एक कुल्हाड़ी रखता था। उसने झगड़े के दौरान उस पर तीन बार हमला किया था, लेकिन वह बच गया। ऐसे में उसे लगने लगा कि महाबुद्दीन उसे मार देगा। ऐसे में शनिवार को रास्ते में हुए झगड़े के दौरान उसने महाबुद्दीन को पहले डंडा मारकर अचेत कर दिया और फिर शव को ठिकाने लगाने के लिए टीले पर ले गया। जहां फावड़े से दोनों हाथ, दोनों पैरों को काटकर अलग करते हुए धड़ और सिर को भी काट दिया।