प्रतापगढ़: प्रतापगढ़ के गड़वारा में छह साल पहले दिनदहाड़े पिता की हत्या के गवाह फर्नीचर दुकानदार की सोमवार रात सड़क पर संदिग्ध दशा में मौत हो गई। उसके साथ मौजूद चार युवकों के अलावा थाने के दरोगा और सिपाही ने हादसे में मौत बताई, लेकिन परिजन हत्या का आरोप लगाने लगे। पोस्टमार्टम के बाद लोग शव घर पर रखकर आक्रोश जताते रहे।
लोहंगपुर निवासी हरिश्चंद सिंह की 14 अगस्त 2018 की सुबह पूरेअंती गांव के पास गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उनके पांच बेटों में तीसरे नंबर का 30 वर्षीय अनुज सिंह गांव के पास ही फर्नीचर की दुकान चलाता था। करीब ही पुलिस चेकिंग प्वाइंट होने के कारण पुलिसकर्मी उसके यहां बैठने लगे। सोमवार रात अनुज, थाने के एक दरोगा, दो सिपाही और चार अन्य लोगों के साथ खाना खाने नगर कोतवाली के गोंड़े गांव स्थित ढाबे पर गया था। लौटते समय दुकान के पास ही उसकी संदिग्ध दशा में मौत हो गई। उसकी बाइक पर बैठा सांगीपुर के सिंघनी निवासी 35 वर्षीय बृजेश घायल मिला। बृजेश का मेडिकल कॉलेज में इलाज कराया गया। साथ रहे लोगों ने बताया कि सड़क पर बैठे मवेशी से बाइक भिड़ गई। बाइक से गिरकर अनुज की मौत हो गई। मौके पर पहुंचे परिजन अनुज के सिर में पीछे चोट से मौत और बृजेश के मामूली घायल होने पर हत्या का आरोप लगाने लगे।
फर्नीचर दुकानदार की मौत को लेकर परिजन हत्या का आरोप लगाते हुए हंगामा करने लगे तो मौके पर अंतू के साथ ही नगर कोतवाली और देहात कोतवाली की फोर्स भी पहुंच गई। इस दौरान मृतक के भाई चंदन सिंह ने पुलिस को चार सूत्री ज्ञापन सौंपा। इसमें परिजनों को 50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता राशि, सुरक्षा के लिए शस्त्रत्त् लाइसेंस, आरोपितों की गिरफ्तारी और किसान बीमा योजना का लाभ दिलाने की मांग की गई।