बेतिया: बिहार के बेतिया मुफस्सिल थाना के हरिवाटिका चौक निवासी कार चालक मुन्ना चौरसिया (40) की हत्या कर अपराधियों ने कार लूट लिया है। लूटी गयी कार गोपालगंज डीटीओ कार्यालय में कार्यरत बेतिया निवासी समर पासवान की थी। घटना 29 अगस्त की है। इसका खुलासा शनिवार की दोपहर कालीबाग ओपी के झिलिया में पानी टंकी के ग्राउंड से बरामद शव के पहचान के बाद हुआ है। कालीबाग ओपी प्रभारी रणधीर कुमार भट्ट ने बताया कि अज्ञात शव मिलने पर आसपास के सभी थानों को जानकारी दी गयी थी। मुफस्सिल के हरिवाटिका चौक निवासी अमला प्रसाद ने मौके पर पहुंच शव की पहचान कपड़े व घड़ी से की। उन्होंने यह दावा कि शव उनके बेटे मुन्ना चौरसिया का है। पोस्टमार्टम कराकर शव को परिजनो के हवाले कर दिया जाएगा।
मुफस्सिल थानाध्यक्ष उग्रनाथ झा ने बताया कि शुक्रवार को मुन्ना चौरसिया के परिजन थाना पहुंचे थे। उनकी शिकायत पर अज्ञात अपराधियों के विरूद्ध अपहरण की एफआईआर दर्ज की गयी थी। अब तक के छानबीन में यह जानकारी मिली है कि मृतक मुन्ना चौरसिया डीटीओ कार्यालय के कर्मी समर पासवान की गाड़ी चलाता था।
मुन्ना चौरसिया ने 29 अगस्त को अपने मालिक समर पासवान को फोन कर बताया कि वह गाड़ी को भाड़े पर लेकर ठोरी जा रहा है। समर ने पूछा कि गाड़ी भाड़ा लेने वाले कौन लोग है। तब उसने बताया कि परिचित लोग है। भिखना ठोरी पहुंचने पर मुन्ना ने अपनी पत्नी को वाट्सएप के माध्यम से वहां का दृश्य वीडियो कॉलिंग करके दिखाया। रात में 11 बजे तक पत्नी की बात मुन्ना से हुई। उसने कहा कि बेतिया में आ गया है। घर आ जाएगा। उसके बाद मुन्ना का मोबाइल स्वीच ऑफ हो गया। छानबीन में मुफस्सिल पुलिस को यह मालूम चला है कि मुन्ना के गाड़ी की इंट्री भिखनाठोरी में एक बजे दोपहर में हुई थी।
मुन्ना चौरसिया रात में घर वापस नहीं लौटा। उसका मोबाइल भी स्वीच ऑफ बताने लगा। तब परिजनों को चिंता हुई। उनलोगों ने गाड़ी मालिक पर आरोप लगाना शुरू किया कि आपने उसे गायब करा दिया है। जबकि गाड़ी मालिक ने मुन्ना पर आरोप लगाना शुरू किया कि वह गाड़ी लेकर गायब है। मुन्ना जब भिखना ठोरी के लिए गाड़ी से निकला तो उस वक्त वह नगर के सागर पोखरा स्थित स्टैंड में था। घटना की शुरूआत नगर थाना क्षेत्र से हुई थी, इसलिए परिजन नगर थाना पहुंचे। लेकिन उनलोगों के आवेदन पर एफआईआर दर्ज नहीं करके उन्हें भिखना ठोरी लौटा दिया गया। पांच दिन बाद हरिवाटिका के लोग मुन्ना के पिता व पत्नी को लेकर मुफस्सिल थानाध्यक्ष उग्रनाथ झा के पास पहुंचे और कहा कि आप ही न्याय दीजिए। उसके बाद थानाध्यक्ष ने अपहरण की एफआईआर दर्ज की।