फिलहाल चुनावी साल में मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव के बीजेपी में शामिल होने को लेकर चर्चा तेज हो गई है. हालांकि कहा जा रहा है कि बीजेपी मुलायम सिंह यादव परिवार में सेंध लगाने की तैयारी में है. इस बात की भी चर्चा है कि बीजेपी अपर्णा यादव को लखनऊ की कैंट विधानसभा सीट से पार्टी का प्रत्याशी बना सकती है. क्योंकि अपर्णा 2017 का विधानसभा चुनाव का चुनाव समाजवादी पार्टी के टिकट पर कैंट से लड़ चुकी हैं. लेकिन उन्हें बीजेपी की रीता बहुगुणा जोशी ने शिकस्त दी थी. लेकिन खास बात ये है कि इस सीट पर अखिलेश यादव ने चुनाव प्रचार नहीं किया था और कहा जाता है कि मुलायम सिंह के दबाव के कारण ही अपर्णा को पार्टी का टिकट मिला था. अपर्णा मुलायम की दूसरी पत्नी साधना यादव के बेटे प्रतीक यादव की पत्नी हैं. 2019 के लोकसभा चुनाव में अपर्णा बदांयू समेत कई जगहों से लोकसभा चुनाव का टिकट मांग रही थी. लेकिन एसपी प्रमुख अखिलेश यादव ने उन्हें टिकट नहीं दिया.
अपर्णा यादव को सीएम योगी आदित्यनाथ का करीबी माना जाता है और अपर्णा मूल रूप से उत्तराखंड के पौड़ी जिले की रहने वाली हैं. सीएम योगी भी मूल रूप से इसी जिले से ताल्लुक रखते हैं. वहीं सीएम योगी कई बार अपर्णा यादव के कार्यक्रमों में जा चुके हैं. जिसके बाद कई बार अपर्णा के बीजेपी में शामिल होने की चर्चा हो चुकी है.
यूपी में बीजेपी पहले भी मुलायम सिंह परिवार में सेंध लगा चुकी है. पिछले साल राज्य में हुए यूपी पंचायत चुनाव में बीजेपी ने मुलायम सिंह यादव की भतीजी संध्या यादव को टिकट दिया था और उन्हें वार्ड क्रमांक 18 से अपना प्रत्याशी बनाया था. संध्या यावद मैनपुरी की जिला पंचायत अध्यक्ष रह चुकी हैं और वह मुलायम सिंह की भतीजी और बदायूं के पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव की बड़ी बहन हैं. जबकि पिछले सप्ताह ही बीजेपी ने फीरोजाबाद की सिरसागंज सीट से एसपी विधायक और मुलायम सिंह के समधी कहे जाने वाले हरि ओम यादव को पार्टी में शामिल कराया है. हरि ओम के भाई रामप्रकाश उर्फ नेहरू की बेटी की शादी मुलायम सिंह के भतीजे रणवीर सिंह से हुई थी. रणवीर सिंहमैनपुरी के पूर्व सांसद तेज प्रताप यादव के बहनोई हैं.
वहीं समाजवादी पार्टी ने बीजेपी के तीन मंत्रियों स्वामी प्रसाद मौर्य, दारा सिंह चौहान और धर्म सिंह सैनी पार्टी में शामिल कराया है. जबकि बीजेपी अभी तक समाजवादी के छह विधान परिषद सदस्यों को पार्टी में शामिल कर चुकी हैं.