सासंद राघव चड्ढा की मुश्किलें बढ़ी, संसद समिति ने जारी किया नोटिस

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Update: 2023-08-09 12:37 GMT
नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सासंद राघव चड्ढा मुश्किल में फंस चुके हैं. उन पर सांसदों के फर्जी हस्ताक्षर का आरोप लगा है. अगर आरोप साबित होता है तो चड्ढा के खिलाफ एफआईआर के साथ-साथ सख्त कार्रवाई की जा सकती है. सोमवार को राज्यसभा में दिल्ली सेवा विधेयक पर चर्चा के दौरान आम आदमी पार्टी ने इसे सेलेक्ट कमेटी के पास रखने का प्रस्ताव दिया. प्रस्ताव में पांच सांसदों के हस्ताक्षर फर्जी होने के आरोप लगे. इसके बाद राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने मामले में जांच के आदेश दिए। दिल्ली सेवा बिल में जिन 5 सांसदों के फर्जी हस्ताक्षर होने के आरोप लग रहे हैं, इनमें सुधांशु त्रिवेदी (बीजेपी), नरहरि अमीन (बीजेपी), फांगनोन कोन्यक (बीजेपी), सस्मित पात्रा (बीजेडी) और के. थांबिदुराई (एआईएडीएमके) के नाम शामिल हैं।
जानकारी के मुताबिक इन पांचों सांसदों ने राघव चड्ढा के खिलाफ विशेषाधिकार हनन को लेकर नोटिस दिया है। अब इस मामले में आम आदमी पार्टी राघव के बचाव में उतर आई है. राघव चड्ढा ने भी आरोपों का खंडन किया और कहा कि बिल को सेलेक्ट कमेटी के पास भेजने के प्रस्ताव पर दस्तखत का होना जरूरी नहीं होता. AAP के ही राज्यसभा सांसद संजय सिंह का कहना है कि कोई भी सांसद प्रवर समिति के लिए नाम प्रस्तावित कर सकता है. इसके लिए हस्ताक्षर की जरूरत नहीं होती है. संजय ने आरोप लगाया कि इस विषय को लेकर भाजपा झूठ और अफवाह फैला रही है। फर्जी हस्ताक्षर में अपना नाम शामिल होने पर बीजू जनता दल के सांसद सस्मित पात्रा ने अपनी नाराजगी जाहिर की है. उनका कहना है, “इस मोशन में 5 से 6 सांसदों के नाम गलत तरीके से शामिल किए गए थे. मैं चाहता हूं कि इस मामले की जांच हो. मुझे यकीन है प्रिविलेज कमेटी इस मामले को देखेगी.” गौरतलब है कि BJD ने राज्यसभा में इस बिल का समर्थन किया था. इसके अलावा आंध्र प्रदेश की YSR कांग्रेस और तेलुगु देसम पार्टी ने भी बिल के समर्थन में वोट किया था।
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