फारबिसगंज सहरसा रेलखंड पर परिचालन शुरू करने को लेकर बनी आंदोलन की रणनीति

Update: 2023-09-03 13:23 GMT
अररिया। फारबिसगंज सहरसा रेलखंड निर्माण कार्य पूरा और छह माह पहले रेल सुरक्षा आयुक्त के इंस्पेक्शन के बाद हरी झंडी मिल जाने के बावजूद इस रेलखंड पर ट्रेन का परिचालन शुरू नहीं हो पाने को लेकर फारबिसगंज के मारवाड़ी अतिथि सदन में रविवार को नागरिक संघर्ष समिति की बैठक हुई।
फारबिसगंज सहरसा रेलखंड निर्माण कार्य पूरा और छह माह पहले रेल सुरक्षा आयुक्त के इंस्पेक्शन के बाद हरी झंडी मिल जाने के बावजूद इस रेलखंड पर ट्रेन का परिचालन शुरू नहीं हो पाने को लेकर फारबिसगंज के मारवाड़ी अतिथि सदन में Sunday को नागरिक संघर्ष समिति की बैठक हुई. बैठक में 20 अगस्त को फारबिसगंज स्टेशन के नवनिर्मित प्लेटफार्म पर सफलतापूर्वक धरना प्रदर्शन के बावजूद रेल बोर्ड और सरकार की ओर से सकारात्मक कदम नहीं उठाए जाने पर नागरिक संघर्ष समिति के सदस्यों ने आक्रोश व्यक्त किया.
नागरिक संघर्ष समिति के अध्यक्ष शाहजहां शाद की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में रेल परिचालन को लेकर आगे के आंदोलन की रूपरेखा तैयार की गई.सोशल Media पर ट्विटर ट्रेंड के बाद धरना प्रदर्शन के बाद नागरिक संघर्ष समिति के सदस्यों ने संघर्ष का रास्ता अख्तियार करने का निर्णय लिया और इसके तहत 14 सितंबर को जनाक्रोश मार्च और 23 सितंबर को रेल रोको अभियान की शुरुआत करने का ऐलान किया.जनाक्रोश मार्च के लिए 13 सितंबर को वृहत तौर पर प्रचार प्रसार और जनसंपर्क अभियान चलाने का निर्णय लिया गया.
बैठक में कुसहा त्रासदी के बाद से ही फारबिसगंज स्टेशन से सहरसा के लिए बंद हुए ट्रेन परिचालन का डेढ़ दशक बीत गया.छोटी रेल लाइन से बड़ी रेल लाइन में आमान परिवर्तन के बाद जनवरी माह में ही निर्माण कार्य पूरा कर लिए जाने और रेल सुरक्षा आयुक्त की ओर से निरीक्षण के बाद ट्रेन परिचालन शुरू करने की हरी झंडी मिल जाने के बावजूद ट्रेन परिचालन शुरू नहीं होने को लेकर जनप्रतिनिधियों की उदासीन रवैया पर नाराजगी जाहिर की गई.मौजूद लोगो ने फारबिसगंज सहरसा दरभंगा रेलखंड को राजनीतिक शिकार बनाने की बात कही और लेटलतीफी के लिए पॉलिटिकल माइलेज की होड़ और सियासी षडयंत्र बनाया जाना करार दिया.
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