दिल्ली। चैत्र नवरात्रि के तीसरे दिन छतरपुर मंदिर में सुबह की आरती की गई।
नवरात्रि देवी का व्रत है. नवरात्रि में देवी के 9 रूपों की पूजा की जाती है. इस समय हम शक्ति, ऊर्जा, सुख-समृद्धि और शांति, आध्यात्मिक ज्ञान की उपासना करते हैं और व्रत रखते हैं. व्रत को धार्मिक मान्यताओं से जोड़कर देखा जाता है लेकिन साइंस का इसके पीछे बेहद इंटरेस्टिंक कारण है.
नवरात्रि के नौ दिनों के दौरान लोग उपवास करते हैं और सात्विक भोजन का सेवन करते हैं. सात्विक भोजन शुद्ध और संतुलित माना जाता है. ऐसा भोजन जो शरीर की मशीन में आसानी से पचे और कोई विकार पैदा करे, उसे सात्विक भोजन कहते हैं. गरिष्ठ या तामसिक भोजन जो स्वाद में अच्छा लग सकता है लेकिन उसे पचाने में शरीर को ज्यादा ऊर्जा खर्च करनी पड़ती है. इससे शरीर और मन दोनों थक जाता है. ऐसा खाना खाकर आप सुस्ती महसूस करने लगते हैं. दूसरी तरफ, सादा खाना पाचन तंत्र को आराम भी देता है और डिटॉक्सिफिकेशन भी होता है. नवरात्रि के दौरान उपवास रखने का वैज्ञानिक कारण आपके शरीर को डिटॉक्सिफाई करना है. हफ्ते में एक बार हल्का खाना खाने से पाचन तंत्र को आराम मिलता है. व्रत आंतों को साफ करने और उसको मजबूत करने में भी मदद करता है.
गरिष्ठ आहार जैसे आलू, अरबी, जमीकन्द, ज्यादा तली हुई चीजें, जंक फूड का भी उपवास में ज्यादा सेवन नहीं किया जाना चाहिए. हालांकि, डायबिटीज में लोगों को व्रत रखने से पहले डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए. उन्हें व्रत में खाना नहीं छोड़ना चाहिए. अगर व्रत करते समय उनकी तबीयत खराब हो रही है तो उन्हें व्रत वहीं रोक देना चाहिए. साथ ही समय पर दवाओं का सेवन भी करना चाहिए. जिनका बी.पी बढ़ा रहता है वो लोग भी व्रत रख सकते हैं. उन्हें व्रत के दौरान ज्यादा चाय या कॉफी का सेवन नहीं करना है. वो लोग नींबू पानी, नारियल पानी का सेवन कर सकते हैं. व्रत के खाने में ऐसे लोग सेंधा नमक का सही प्रयोग करके उसका भी सेवन कर सकते हैं. फलों का सेवन करें. ज्यादा समय तक भूखा नहीं रहना है.