शातिर कोई इन सा कहां! 30 से ज्यादा गर्लफ्रैंड, फर्जी पासपोर्ट और अमेरिका, जानें पूरी स्टोरी

फर्जी पासपोर्ट-वीजा रैकेट में गिरफ्तार सरगना जाकिर युसूफ ने कई चौकाने वाले खुलासे किए हैं।

Update: 2022-08-24 03:20 GMT

न्यूज़ क्रेडिट: हिंदुस्तान

नई दिल्ली: फर्जी पासपोर्ट-वीजा रैकेट में गिरफ्तार सरगना जाकिर युसूफ ने कई चौकाने वाले खुलासे किए हैं। उसने बताया कि वह प्रत्येक महीने 15 से 20 लोगों को अमेरिका भेजता था। इससे होने वाली कमाई से वह मौज-मस्ती भरा जीवन बीता रहा था।

उसकी 32 गर्लफ्रैंड हैं, जिन पर वह लाखों रुपये उड़ाता है। डांस बार जाने का शौकीन है। बीते 20 वर्षों में उसने ट्रेन से सफर नहीं किया है। वह केवल विमान से ही सफर करता है। उसके दो बच्चे कनाडा में पढ़ाई करते हैं, जबकि तीसरी बेटी को भी पढ़ाई के लिए वह कनाडा भेजने वाला था।
डीसीपी तनु शर्मा ने बताया कि जाकिर पर कुल 6 मामले दर्ज हैं जो अदालत में चल रहे हैं। वह अभी तक हजारों लोगों को अवैध तरीके से अमेरिका भेज चुका है। इससे कमाए रुपयों को वह अब वेब सीरिज एवं फिल्मों में लगा रहा था। जल्द ही उसकी फिल्में रिलीज होने वाली थी। वह बीते 25 वर्षों से फर्जी पासपोर्ट एवं वीजा का काम कर रहा है। एयरपोर्ट पुलिस उस पर मकोका के तहत कार्रवाई करने पर विचार कर रही है। पुलिस ने बताया कि आरोपी को लोगों को रूम में ठहराने के लिए 4 से 5 हजार रुपये प्रति यात्री मिलते थे। उसने टिकट एजेंट के पास पूरा फर्जीवाड़ा सीखा और 2007 में अपना काम खोल लिया। कई जगहों पर अपने एजेंट रखे।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि जाकिर का जन्म वर्ष 1976 में चेन्नई में हुआ था। वह सातवीं कक्षा तक पढ़ा है। 12 वर्ष की उम्र में वह गांव के रहने वाले एक शख्स के साथ मुंबई चला गया था। वहां कई वर्षों तक उसने कार मकैनिक का काम किया। 21 वर्ष की आयु में राटे नामक टिकट एजेंट के संपर्क में आया। फर्जी दस्तावेज पर विदेश जाने वाले लोगों को ठहराने का काम करने लगा।
आरोपी ने बताया कि वह शुरुआत में लगभग 20 लाख रुपए लेता था। यात्री को मनागुआ, गोटेमाला, सेल्वाडोर आदि देशों में भेजता जहां पहुंचने के बाद वीजा मिलता है। वहां उसके एजेंट यात्री को लेते और जंगल के रास्ते मैक्सिको होते हुए अमेरिका में भेज देते। अभी वह एक से 65 से 70 लाख रुपए लेता है। इसमें 8 से 10 लाख उसकी कमाई होती है, बाकी का खर्चा हो जाता है।

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