बंगाल। पश्चिम बंगाल के मोमिनपुर में 9 और 10 अक्टूबर की रात दो समुदाय के लोगों के बीच झड़प हो गई थी. इस हिंसा को लेकर विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था. पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने गृह मंत्री अमित शाह और राज्यपाल को पत्र लिखकर इस घटना की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) से कराने की मांग की थी.
अब गृह मंत्रालय ने मोमिनपुर हिंसा की जांच एनआईए से कराने का ऐलान कर दिया है. गृह मंत्रालय ने मोमिनपुर हिंसा की जांच NIA से कराने के लिए नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है. सूत्रों के मुताबिक NIA की टीम जल्द ही कोलकाता पहुंचकर घटनास्थल का दौरा कर सकती है. एनआईए की टीम कोलकाता पुलिस से इस पूरे मामले से संबंधित केस डायरी ले सकती है.
एनआईए के सूत्रों की मानें तो इस पूरे मामले में एनआईए लॉर्जर कॉन्सपिरेसी देख रही है और उसके आधार पर जांच करेगी. सूत्रों का दावा है कि हिंसा इसलिए भड़की क्योंकि कोलकाता के इकबालपुर थाना क्षेत्र के मोमिनपुर में अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों ने नबी की जयंती को केंद्र कर इस्लामिक झंडे दूसरे धर्म के लोगों के घर और दुकानों पर जबरदस्ती लगा दिए थे.
दावे ये भी किए जा रहे हैं कि दूसरे धर्म के लोगों ने उन झंडों को खोल कर रख दिया था. इसके बाद सैकड़ों की संख्या में अल्पसंख्यक समुदाय के लोग एकत्रित हुए और दूसरे धर्म के लोगों के घर, दुकान और वाहनों में तोड़फोड़ शुरू कर दी. आक्रोशित भीड़ ने कई वाहनों को भी आग लगा दी. इस घटना के बाद आक्रोशित लोग बड़ी संख्या में एकबालपुर थाने पहुंच गए और घेराव कर दिया.
बीजेपी ने इस घटना के बाद ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली राज्य सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था. बीजेपी ने हिंसा प्रभावित इलाके में केंद्रीय बलों को तैनात करने की मांग की थी. बीजेपी के नेता इस घटना की जांच एनआईए से कराने की मांग करते हुए ये आरोप लगा रहे थे ममता बनर्जी ने अल्पसंख्यकों को खुली छूट दे रखी है.