लाल किले में मोदी का होगा आखिरी भाषण, ममता बनर्जी ने दिया बड़ा बयान
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नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने टीएमसी की ओर से आयोजित स्वतंत्रता पू्र्व कार्यक्रम में कहा कि 15 अगस्त पर लाल किले की प्राचीर से पीएम मोदी का भाषण उनका आखिरी संबोधन होगा. बनर्जी ने कहा कि विपक्षी गठबंधन इंडिया जल्द ही रफ्तार पकड़ेगा और 2024 लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज करेगा. उन्होंने एक बार फिर केंद्र की मोदी सरकार को आड़े हाथों लिया है. उन्होंने सवालिया लहजे में पूछा है कि क्या हम सच में आजाद हैं? इंडिया गठबंधन देशभर में बीजेपी को हराएगा.
ममता बनर्जी ने इजरायल के जासूसी सॉफ्टवेयर पेगासस का जिक्र करते हुए कहा, 'क्या हम सच में आजाद हैं? राजनीतिक रूप से तो नहीं. पेगासस ने हमारी आजादी छीन ली है.' इसके अलावा ममता ने मोदी सरकार पर केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग करने का आरोप भी लगाया. उन्होंने दावा करते हुए कहा, 'कुछ देर पहले मुझे झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने फोन किया था और कहा था कि किस तरह केंद्रीय एजेंसियां उन्हें परेशान कर रहीं हैं.'
उन्होंने बीजेपी पर 2024 के चुनाव से पहले सभी हेलिकॉप्टरों पर कब्जा करने का आरोप लगाया है. उन्होंने दावा किया कि सभी हेलिकॉप्टर बीजेपी ने बुक कर लिए हैं. उनके पास बहुत पैसा है. उन्होंने सवाल किया कि पीएम केयर फंड का पैसा कहां है? ममता बनर्जी ने जाधवपुर यूनिवर्सिटी में छात्र की आत्महत्या के मामले पर भी बात रखी. उन्होंने कहा कि माता-पिता ने अपने सपनों पर उसका नाम स्वप्नदीप रखा था. उसके माता-पिता को कभी अहसास नहीं हुआ कि उनकी हत्या कर दी जाएगी. स्वप्नदीप की मौत के लिए ममता बनर्जी ने लेफ्ट को जिम्मेदार ठहराया.
ममता बनर्जी ने दावा किया कि लेफ्ट पुलिस को प्रवेश नहीं करने देते, सीसीटीवी नहीं लगने देते. उन्होंने कहा कि सभी छात्र बुरे नहीं हैं, बल्कि कुछ लेफ्ट छात्र ही दोषी हैं. जाधवपुर यूनिवर्सिटी स्टूडेंट की मौत पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि स्वप्नदीप कुंडू के पिता ने मुझे अपने दर्द के बारे में बताया. कि किस तरह उनके बेटे को प्रताड़ित किया गया. उन्होंने मुझे बताया कि उन्होंने कभी यह कल्पना नहीं की थी कि उनके बेटे को इस तरह प्रताड़ित कर हॉस्टल की तीसरी मंजिल से नीचे फेंक दिया जाएगा. बनर्जी ने कहा कि ये लोग कौन हैं? ये मार्क्सवादी और वामपंथी हैं. ये लोग तृणमूल को अपना मुख्य दुश्मन मानते हैं. इनमें शर्म नाम की चीज नहीं है. उन्होंने कहा कि मैं इस घटना के बाद से दुखी और व्यथित हूं. जाधवपुर यूनिवर्सिटी एक प्रतिष्ठित संस्थान है लेकिन मैं वहां जाना नहीं चाहती क्योंकि वहां मानवता की कमी है. सिर्फ शिक्षा लेना पर्याप्त नहीं है. इंसान बने रहना भी जरूरी है.