मोदी सरकार बोली- किसान आंदोलन में एक भी किसान की मौत का रिकॉर्ड नहीं, भड़की कांग्रेस
नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने बुधवार को लोकसभा में दावा किया कि कृषि मंत्रालय के पास किसान आंदोलन की वजह से किसी किसान की मौत का कोई रिकॉर्ड नहीं है. केंद्र सरकार के इस बयान पर किसान नेताओं ने नाराजगी जाहिर की है. उधर, किसानों की मौत के मामले में कांग्रेस ने भी सरकार पर निशाना साधा है.
दोआबा किसान कमेटी के स्टेट चीफ जंगवीर सिंह चौहान ने कहा, सरकार के पास आईबी से लेकर दिल्ली पुलिस तक हर तरह के डाटा हैं. अगर वे कह रहे हैं कि किसानों की मौत का डाटा नहीं है, तो ये गलत है. इसके बावजूद अगर सरकार कहती है तो हम उन्हें मुआवजे के लिए किसानों की मौत का आंकड़ा देंगे.
उधर, नरेंद्र सिंह तोमर के इस दावे पर कांग्रेस ने निशाना साधा है. कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, तोमर साहब, नाकामी छुपाने के लिए इतना बड़ा झूठ! जबकि सच्चाई है कि 2020 में 10677 किसानों ने आत्महत्या की. 4090 किसान वो जिनके खुद के खेत हैं, 639 किसान जो ठेके पर जमीन ले खेती करते थे, 5097 वो किसान जो दूसरों के खेतों में काम करते थे. पिछले 7 सालों में 78303 किसान आत्महत्या कर चुके.
सरकार ने लोकसभा में पूछा गया था कि क्या सरकार के पास कोई डाटा है कि कितने किसानों की आंदोलन के दौरान मौत हुई है और क्या सरकार आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिजनों को मुआवजा देगी. सरकार इसकी जानकारी दे. इस सवाल के जवाब में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने लोकसभा में लिखित जवाब में कहा, कृषि मंत्रालय के पास किसान आंदोलन की वजह से किसी किसान की मौत का कोई रिकॉर्ड नहीं है. ऐसे में मृतक किसानों को वित्तीय सहायता देने का कोई सवाल ही नहीं उठता.