केंद्रीय कैबिनेट ने स्वास्थ्य एवं शिक्षा सेस से प्राप्त होने वाली राशि से स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए एक सिंगल नॉन लैप्सेबल रिजर्व फंड के रूप में प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा निधि यानी पीएमएसएसएन बनाने के प्रस्ताव को बुधवार को मंजूरी दे दी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई. सरकारी बयान के मुताबिक, इसमें फाइनेंस एक्ट 2007 के सेक्शन 136बी के तहत लिए जाने वाले स्वास्थ्य एवं शिक्षा सेस से प्राप्त होने वाली राशि से स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए पीएमएसएसएन बनाने का प्रस्ताव किया गया है. इसमें कहा गया है कि पीएमएसएसएन सार्वजनिक खाते में स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए एक सिंगल नॉन लैप्सेबल रिजर्व फंड होगा. स्वास्थ्य एवं शिक्षा सेस से प्राप्त राशि में से स्वास्थ्य का अंश पीएमएसएसएन में भेजा जाएगा.
पीएमएसएसएन में भेजी गई राशि का इस्तेमाल स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (AB-PMJAY), आयुष्मान भारत-स्वास्थ्य एवं देखभाल केंद्र, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना (PMSSY) में होगा. इसके अलावा प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा निधि का इस्तेमाल स्वास्थ्य संबंधी आपात स्थितियों में आपातकालिन एवं आकस्मिक विपत्ति काल में तैयारी एवं प्रतिक्रिया के लिए किया जा सकेगा. बयान में कहा गया है कि पीएमएसएसएन योजना को लागू करने और उसकी रखरखाव की जिम्मेदारी स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की होगी. किसी भी वित्तीय वर्ष में, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की उक्त योजनाओं का खर्च प्रारंभिक तौर पर पीएमएसएसएन से लिया जाएगा और बाद में ग्रॉस बजट सहायता से लिया जाएगा.
सरकार का मनना है कि तय संसाधनों की उपलब्धता के जरिए यूनिवर्सल और अफोर्डेबल स्वास्थ्य देखभाल तक पहुंच मुहैया कराई जा सकेगी और इसके साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जा सकेगा कि किसी भी वित्तीय वर्ष के अंत में इसके लिए तय राशि समाप्त नहीं होगी.