Kanpur. कानपुर। कानपुर के सपा विधायक इरफान सोलंकी SP MLA Irfan Solanki को शुक्रवार को तगड़ा झटका लगा है। कानपुर की एमपीएमएलए कोर्ट ने इरफान सोलंकी को आगजनी के मामले में सात साल की सजा सुनाई है। इरफान के साथ ही उनके भाई रिजवान समेत पांच लोगों को अदालत ने दोषी माना था। सभी छह दोषियों पर 20-20 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। महाराजगंज जेल में बंद इरफान सोलंकी को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से पेश किया गया।
सजा के साथ ही इरफान की विधानसभा सदस्यता जाना तय हो गया है। इरफान कानपुर की सीसामऊ सीट से विधायक हैं। इरफान की सीट खाली होने के साथ ही यूपी की नौ सीटों पर उपचुनाव तय हो गया है। आठ सीटों के विधायक लोकसभा चुनाव में सासंद बन चुके हैं। फैसला आने के बाद इरफान के वकील ने कहा कि वह हाईकोर्ट में अपील करेंगे। सोमवार को आगजनी मामले की 11वीं बार सुनवाई हुई थी। कोर्ट ने विधायक समेत उसके भाई रिजवान समेत चार सह अभियुक्त को आगजनी मामले में दोषी पाया था।
इससे पहले इस मामले में कोर्ट 10 बार फैसला टाल चुका था। सोमवार को 11वीं बार सुनवाई थी, इस दौरान इरफान सोलंकी महराजगंज जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश हुआ जबकि शेष अभियुक्त कोर्ट लाए गए थे। शुक्रवार को मामले की 13वीं बार सुनवाई हुई। इस दौरान पूरे कोर्ट परिसर को पुलिस ने छावनी में तब्दील कर दिया। विधायक महाराजगंज से वीडियो कांफ्रेंसिंग से पेश हुए जबकि शेष अभियुक्त कोर्ट में बुलाए गए। लंबी जिरह के बाद अंततः विधायक इरफान उसके भाई रिजवान, मो. शरीफ, इजरायल आटेवाला, शौकत अली को सात साल की सजा सुनाई।
ये था पूरा मामलाडिफेंस कॉलोनी निवासी नजीर फातिमा की झोपड़ी में आग लगाने के मामले में 8 नवंबर 2022 को सपा विधायक इरफान सोलंकी, उसके भाई रिजवान, इजरायल आटेवाला, मो. शरीफ, शौकत अली, अनूप यादव, महबूब आलम, शमशुद्दीन उर्फ चच्चा, एजाजुद्दीन उर्फ सबलू, मो. एजाज, मुरसलीन भोलू, शकील चिकना के खिलाफ जाजमऊ थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। इरफान ने 22 दिसंबर 2022 को पुलिस कमिश्नर के कार्यालय में सरेंडर किया था। 3 जून को इरफान सोलंकी, रिजवान, इजरायल आटेवाला, मो. शरीफ व शौकत अली को एमपीएमएलए सेशन कोर्ट के न्यायाधीश सत्येंद्र नाथ त्रिपाठी ने आईपीसी की धारा 147, 323,436, 427 व 506 में दोषी करार दिया था। वहीं धारा 386 व 120 बी में दोषमुक्त कर दिया था। एडीजीसी भास्कर मिश्रा ने बताया कि मामले में अभियोजन की ओर से 18 गवाहों ने बयान दर्ज कराए थे व 300 पन्नों के सबूत कोर्ट में पेश किए।