दिल्ली चुनाव में हार से सबक ले कांग्रेस और 'आप', मिलकर लड़ते तो नतीजा कुछ और होता

Update: 2025-02-09 08:45 GMT
मुंबई: दिल्ली चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने प्रचंड बहुमत के साथ जीत हासिल की। शिवसेना (यूबीटी) से राज्यसभा सांसद संजय राउत ने दिल्ली चुनाव के नतीजों से सबक लेने की सलाह अपने गठबंधन के साथियों को दी है। उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस और 'आप' मिलकर दिल्ली का चुनाव लड़ते तो नतीजे कुछ और होते।
शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "दिल्ली में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस दोनों पार्टियों की जिम्मेदारी थी कि वे बैठकर सीट शेयरिंग का मुद्दा सुलझाते। कांग्रेस भी एक राष्ट्रीय पार्टी है। उनके लोग भी चाहते हैं कि राष्ट्रीय राजधानी में उन्हें जगह मिले। ऐसे में चुनाव से पहले दोनों को एक-दूसरे के साथ बात करनी चाहिए थी। आप और कांग्रेस ने दिल्ली में अलग-अलग चुनाव लड़ा और दोनों की हार हुई है। मुझे लगता है कि यह देश के साथ घात हुआ है।"
उन्होंने आगे कहा कि "दिल्ली चुनाव के नतीजों को लेकर जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला का जो बयान आया है, उससे मैं सहमत हूं। मैं भी कहता हूं कि आपस में लड़ते रहो और पीएम मोदी और भाजपा को विजय दिलाते रहो। भाजपा भी यही चाहती है कि हम आपस में लड़ते रहें, जिसका फायदा उन्हें हो। हमारा और उद्धव ठाकरे का कहना है कि जब तक हम आपस में लड़ते रहेंगे, तब तक भाजपा के तानाशाही को नहीं हरा पाएंगे।"
राउत ने कहा कि "दिल्ली चुनाव में हमें अपनी हार का आत्मचिंतन करना चाहिए। अगर आत्मचिंतन नहीं करना चाहते तो फिर राजनीति करना छोड़ दें। कांग्रेस और आप दोनों पार्टियों को इससे सबक लेना चाहिए। दिल्ली चुनाव मिलकर लड़े रहते तो आज नतीजा कुछ और होता।"
बता दें कि 70 विधानसभा चुनाव वाले दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी ने प्रचंड जीत हासिल की। भाजपा ने दिल्ली में 48, जबकि आम आदमी पार्टी को 22 सीटों पर जीत मिलीं। वहीं कांग्रेस अपने पुराने प्रदर्शन को दोहराते हुए इस चुनाव में भी खाता नहीं खोल पाई।
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