कोलकाता: पश्चिम बंगाल में जैसे-जैसे चुनाव नज़दीक आ रहे हैं, वैसे वैसे नेताओं की ओर से एक दूसरे पर तीखे हमले और तेज हो गए हैं. कोलकाता के ब्रिगेड परेड मैदान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुनावी रैली से पहले बीजेपी में शामिल होने वाले मिथुन चक्रवर्ती को अब ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने नक्सली बताया है. टीएमसी ने कहा है कि मिथुन ने ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) के डर से बीजेपी का हाथ थामा है.
सौगत रॉय ने क्या कहा?
मिथुन चक्रवर्ती के बीजेपी में शामिल होने पर तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सौगत रॉय ने कहा, ''मिथुन पहले स्टार थे, लेकिन अब नहीं हैं. वह मूल रूप से नक्सली थे. वह सीपीएम में शामिल हुए, फिर टीएमसी में आ गए और राज्यसभा सांसद बन गए. बीजेपी ने उन्हें ईडी का डर दिखाया और फिर उन्होंने राज्यसभा छोड़ दी. अब वह बीजेपी में शामिल हो गए.'' सौगत रॉय ने कहा कि अब उनकी कोई विश्वसनीयता नहीं है. ना ही लोगों के बीच उनका कोई प्रभाव है.''
वहीं, टीएमसी के प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा, ''बड़े अभिनेता कई प्रोडक्शन हाउस से जुड़े होते हैं. मिथुन चक्रवर्ती भी वही कर रहे हैं, एक पार्टी से दूसरे पार्टी में जा रहे हैं.'' घोष ने कहा कि जैसा कि चक्रवर्ती ने कहा है कि वह लोगों के लिए काम करना चाहते हैं, उन्हें ईंधन मूल्य वृद्धि के खिलाफ कुछ कहना चाहिए.
सीपीआई के वरिष्ठ नेता सुजन चक्रवर्ती ने कहा कि लोग चक्रवर्ती की तरह के 'दलबदलुओं' पर कभी भरोसा नहीं करेंगे और उनके बीजेपी में शामिल होने का चुनावों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. तृणमूल कांग्रेस से राज्यसभा सदस्य रह चुके अभिनेता ने सारदा पोंजी घोटाले में नाम आने के बाद 2016 में संसद के उच्च सदन की सदस्यता छोड़ दी थी. उन्होंने हालांकि इसके लिए स्वास्थ्य ठीक नहीं होने का हवाला दिया था.
इससे पहले पीएम मोदी की रैली में मिथुन चक्रवर्ती ने कहा, ''मैंने तृणमूल कांग्रेस में शामिल होकर एक गलती की थी, जिसने मुझे 2014 में राज्यसभा भेजा था.'' उन्होंने कहा, ''मैं हमेशा जीवन में कुछ बड़ा करना चाहता था, लेकिन कभी भी इतनी बड़ी रैली का हिस्सा बनने का सपना नहीं देखा था, जिसे दुनिया के सबसे लोकप्रिय नेता नरेंद्र मोदी द्वारा संबोधित किया जाना है. मैं हमारे समाज के गरीब तबके के लिए काम करना चाहता था और वह इच्छा अब पूरी होगी.'' चक्रवर्ती ने इस मौके पर अपनी एक फिल्म का एक डॉयलाग भी दोहराया और कहा, ''अमी जोल्धोराओ नोई, बीले बोराओ नोई... अमि इक्ता कोबरा, ईक चोबोल-ई छोबी (मुझे नुकसान नहीं पहुंचाने वाला सांप समझने की गलती न करें, मैं एक नाग हूं, लोगों को एक बार ही डंसकर मार सकता हूं).''
मिथुन चक्रवर्ती को राजनीतिक रूप से जागरूक अभिनेता के रूप में जाना जाता है और अक्सर उन्हें वामपंथी फिल्म निर्देशकों द्वारा अपनी फिल्मों में लिया जाता था. चक्रवर्ती का तृणमूल कांग्रेस में शामिल होना एक हैरानी के तौर पर नहीं आया था. हालांकि, बीजेपी में शामिल होने के उनके कदम को उनके पहले के राजनीतिक विचारों के बिल्कुल उलट देखा जा रहा है. इस सवाल पर कि क्या वह बीजेपी के मुख्यमंत्री पद के लिए एक चेहरा होंगे, चक्रवर्ती ने कहा कि इसका निर्णय पार्टी को करना है.