कोर्ट को गुमराह किया, मचा हड़कंप, जानें पूरा मामला

रेप के आरोपित ने पीड़िता का फर्जी आयु प्रमाण पत्र बनवा कोर्ट को गुमराह करते हुए जमानत ले ली।

Update: 2022-09-11 06:19 GMT

न्यूज़ क्रेडिट: हिंदुस्तान

कानपुर: कानपुर में नाबालिग को बहला कर भगा ले जाने और रेप के आरोपित ने पीड़िता का फर्जी आयु प्रमाण पत्र बनवा कोर्ट को गुमराह करते हुए जमानत ले ली। बाल कल्याण समिति ने फर्जीवाड़े को पकड़ा। अध्यक्ष ने चकेरी इंस्पेक्टर को संज्ञान लेते हुए आरोपित की जमानत निरस्त कराने और उसके खिलाफ फर्जी सरकारी दस्तावेज तैयार कराने और प्रयोग करने में एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए हैं।
सात मई 2022 में रिपोर्ट दर्ज की गई। परिजनों ने काजीखेड़ा के राजा को आरोपित बनाया। पुलिस ने रेप और पाक्सो एक्ट की धारा भी बढ़ाई। गिरफ्तार कर जेल भेजा। आरोपित ने नाबालिग को 20 साल का दर्शाते हुए फर्जी आयु प्रमाण पत्र उर्सला से बनवा लिया। 29 मार्च 2022 की तिथि डाली गई थी। इसी आयु प्रमाण पत्र से आरोपित राजा ने 22 जून 2022 को स्पेशल पाक्सो एक्ट कोर्ट से जमानत प्राप्त कर ली। इधर नाबालिग को बाल गृह बालिका में रखा गया था।
उसे वहां से मुक्त कराने को आरोपित ने इसी फर्जी आयु प्रमाण पत्र से हाईकोर्ट में रिट दाखिल कर दी। यह मामला जब बाल कल्याण समिति के पास पहुंचा तब अध्यक्ष डॉ. निर्मल कुमार पांडेय ने आयु प्रमाण पत्र का सत्यापन कराने को उर्सला भेजा। जिसपर उन्हें वहां से रिपोर्ट मिली यह प्रमाण पत्र जारी नहीं किया है। महानगर मजिस्ट्रेट देवेन्द्र प्रताप सिंह ने बताया जांच पूरी होने में डेढ़ माह लगे। अब थाना चकेरी को जमानत निरस्त कराने को लिखा गया।
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