नई दिल्ली। दक्षिण भारतीय राज्य तमिलनाडु के मंत्री बालाजी को 23 जून तक ईडी की गिरफ्तारी में रहेंगे. मंत्री वी सेंथिल बालाजी को 23 जून तक ईडी ने हिरासत में लिया है. बता दें कि भ्रष्टाचार मामले में मंत्री वी सेंथिल बालाजी को ईडी ने गिरफ्तार कर लिया है. अब तमिलनाडु के राज्यपाल आर.एन. रवि ने सेंथिल बालाजी को मंत्रिपरिषद के सदस्य के रूप में जारी रखने के लिए सहमति नहीं दी है,”
AIADMK प्रवक्ता ने ये बताया
एआईएडीएमके के प्रवक्ता कोवई सथ्यन बताया कि, ‘हम वास्तव में मानते हैं कि उनकी निरंतरता एक मंत्री के रूप में चल रही कार्यवाही को बाधित करेगा। शायद यही कारण हो सकता है कि राज्यपाल ने उस नैतिक उच्च आधार को लिया होगा.’
कोवई सथ्यन ने आगे कहा कि, ‘सेंथिल बालाजी के पास मंत्री के रूप में बने रहने के लिए कोई नैतिक आधार नहीं है। उन्हें बर्खास्त किया जाना है। यदि कार्रवाई सही दिशा में शुरू की गई है. यह सरकार भ्रष्टाचार के आरोपों में बहुत जल्द बर्खास्त होने की राह पर है’
अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) के महासचिव के पलानीस्वामी के शुक्रवार को दावा किया कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा तमिलनाडु के मंत्री वी सेंथिल बालाजी की गिरफ्तारी से मुख्यमंत्री एम के स्टालिन घबराये हुए लग रहे हैं जिस पर सत्तारूढ़ सत्तारूढ द्रविड मुनेत्र कषगम (द्रमुक) ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। पलानीस्वामी ने आश्चर्य प्रकट करते हुए कहा कि क्या स्टालिन ने तब भी इतनी चिंता दिखायी थी जब उनकी बहन कनिमोई को 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था।
उन्होंने सवाल किया कि मुख्यमंत्री और राज्य के मंत्री भी बालाजी के लिए इतनी चिंता क्यों दिखा रहे हैं? पलानीस्वामी ने अन्नाद्रमुक की ट्विटर साइट पर डाले एक वीडियो में कहा है, ‘‘मुख्यमंत्री इतने परेशान क्यों हैं? बालाजी ने ईडी अधिकारियों के साथ सहयोग नहीं किया, जैसा कि उन्होंने आश्वासन दिया था....जिन लोगों ने वोट देकर द्रमुक को सत्ता में पहुंचाया, उनके बारे में सोचने के बजाय मुख्यमंत्री को सेंथिल बालाजी की चिंता है।'' करीब 14 मिनट के अपने वीडियो में वह यह सवाल करते हुए सुने जा सकते हैं कि क्या स्टालिन को आशंका है कि बालाजी ईडी के सामने सारी पोल-पट्टी खोल देंगे।
विधानसभा में विपक्ष के नेता पलानीस्वामी ने पूछा, ‘‘क्या उन्हें डर है क्योंकि कुछ ऐसा तो है जो छिपाने लायक है।'' उन्होंने कहा कि द्रमुक सदस्यों के विपरीत अन्नाद्रमुक को कोई डर नहीं है क्योंकि उसके पास छिपाने के लिए कुछ नहीं है। उन्होंने कहा कि द्रमुक को अदालत में ईडी मामले का सामना करना चाहिए और पाक-साफ होकर सामने आना चाहिए। उन्होंने यह भी दावा किया कि द्रमुक के संगठन सचिव आर एस भारती ने 4000 करोड़ रुपये का भ्रष्टाचार मामला वापस ले लिया जो द्रमुक नेता ने उनके विरूद्ध शुरू किया था।
पलानीस्वामी की टिप्पणी को नकारते हुए भारती ने कहा कि मुख्यमंत्री को किसी और बात की नहीं, बल्कि बालाजी के स्वास्थ्य की चिंता है क्योंकि ईडी अधिकारियों ने 10 घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की और उन्हें पीने के लिए पानी भी नहीं दिया। उन्होंने कहा, ‘‘बालाजी को आधीरात को गिरफ्तार किया गया और उनका उत्पीड़न किया गया, उन्हें पीने के लिए पानी भी नहीं दिया। फलस्वरूप उन्हें दिल का दौरा पड़ गया।'' द्रमुक के संगठन सचिव ने सवाल किया कि यदि बालाजी को अस्पताल में भर्ती कराने में देरी हो जाती तो उनका क्या होता?
भारती ने संवाददाताओं से कहा कि पलानीस्वामी के खिलाफ उन्होंने जो भ्रष्टाचार का मामला शुरू किया था, वह अब भी अदालत में है, उन्होंने उसे वापस नहीं लिया, जैसा कि अन्नाद्रमुक के नेता ने दावा किया है। उन्होंने ईडी मामले में मुख्यमंत्री को अन्नाद्रमुक महासचिव द्वारा कमतर करके दिखाने को लेकर कड़ी आपत्ति दर्ज की। उन्होंने सवाल किया, ‘‘जब सतर्कता अधिकारियों ने अन्नाद्रमुक के पूर्व मंत्रियों- पी थंगमणि और एस पी वेलुमणि के परिसरों पर छापा मारा था तब क्या पलानीस्वामी भाजपा नेताओं के साथ समझौता करने दिल्ली नहीं गये थे? भारती ने कहा कि तांसी प्रकरण में दिवंगत मुख्यमंत्री जे जयललिता के खिलाफ मामला दर्ज कराने वाले वह पहले व्यक्ति थे। उन्होंने पलानीस्वामी से दूसरों पर टिप्पणी करने से पहले इतिहास में झांक लेने को कहा।