पटना: बिहार सरकार में बीजेपी कोटे से राजस्व और भूमि सुधार विभाग के मंत्री रामसूरत राय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से खफा हैं. इतना ही नहीं, उन्होंने ऐलान कर दिया है कि वह वह भविष्य में जनता की समस्याओं को दूर करने के लिए जनता दरबार नहीं लगाएंगे. दरअसल, रामसूरत राय की नाराजगी की पीछे की वजह ये है कि पिछले दिनों राजस्व विभाग में हुए तबादले पर सीएम ऑफिस ने तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है.
अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए मंत्री रामसूरत राय ने कहा कि मेरी भावनाओं को ठेस पहुंची है. मैं जनता के बीच रहता हूं. मैं महीने में 15 से 20 दिन जनता दरबार लगाता हूं, लेकिन यह मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है कि वह किसी भी विभाग की समीक्षा कर सकते हैं. उन्हें सूचना मिली होगी कि कम समय में ही अधिक लोगों का तबादला हुआ है. यह बात सही है.
राय ने कहा कि हमारे NDA के विधायकों की भी अनुशंसा पर तबादले किए गए थे. समीक्षा के बाद दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा. विभाग में भू-माफिया हावी है. मैंने भू माफिया की कमर तोड़ने का काम किया है. उन्होंने कहा कि मैंने अब फैसला किया है कि भविष्य में हम जनता दरबार नहीं लगाएंगे. अब जनता को जहां जाना है, जाए.
दरअसल, 30 जून की रात को राजस्व और भूमि सुधार विभाग में 149 सर्कल ऑफिसर, 27 सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी और 2 चकबंदी पदाधिकारियों का ट्रांसफर और पोस्टिंग की गई थी.
इसी बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को इस बात की खबर मिली कि राजस्व और भूमि सुधार विभाग में बड़े पैमाने पर पैसे का लेनदेन और जाति के आधार पर ट्रांसफर-पोस्टिंग की गई है. आरोप यह भी लगाया गया कि सर्कल ऑफिसर के लिए 3 साल का कार्यकाल तय किया गया है, लेकिन उससे पहले ही कई सर्कल ऑफिसर का तबादला कर दिया गया था.
इसके बाद नीतीश कुमार ने तत्काल निर्देश देते हुए राजस्व और भूमि सुधार विभाग में हुए ट्रांसफर और पोस्टिंग पर रोक लगा दी और मंत्री रामसूरत राय के फैसले की समीक्षा के निर्देश दिए.