Shimla. शिमला। केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डा. जितेंद्र सिंह ने बताया कि वर्तमान में देश की स्थापित परमाणु ऊर्जा क्षमता 8180 मेगावाट है। अगले सात वर्षों में यह बढक़र तीन गुना हो जाएगी। वर्ष 2031-32 तक परमाणु ऊर्जा क्षमता 8180 मेगावाट से बढक़र 22480 मेगावाट हो जाएगी। केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डा. जितेंद्र सिंह ने सांसद डा. सिकंदर कुमार के सवाल के लिखित जवाब में संसद में यह जानकारी दी। 2070 तक भारत के नेट जीरो ऊर्जा संक्रमण पर प्रकाश डालते हुए डा. जितेंद्र सिंह ने कहा कि विभिन्न अध्ययनों ने 2047 तक एक लाख मेगावाट की राष्ट्रीय परमाणु क्षमता की आवश्यकता का अनुमान लगाया है।
सांसद डा. सिकंदर कुमार ने राज्यसभा में प्रधानमंत्री से सवाल किया था कि क्या सरकार ने वर्ष 2047 तक लगभग 100 गीगावाट परमाणु क्षमता का लक्ष्य प्राप्त करने की अभिकल्पना की है। क्या सरकार ने हिमाचल प्रदेश में नवीकरणीय ऊर्जा के समेकन में सहायता करने हेतु परमाणु ऊर्जा जैसे वैकल्पिक स्रोतों के लिए भंडारण सहित पर्याप्त अवसंरचना निर्माण के लिए कोई उपाय किए हैं और क्या देशभर में परमाणु ऊर्जा संयंत्रों के आधुनिकीकरण के लिए नए अविष्कार किए जा रहे हैं। इस पर केंद्रीय राज्य मंत्री ने बताया कि नाभिकीय ऊर्जा, ऊर्जा एक आधार भार स्त्रोत है और ग्रिड में एकीकरण के लिए अतिरिक्त बुनियादी ढांचे की आवश्यकता नहीं है।