मंत्री को कार्रवाई होने का डर, यौन उत्पीड़न मामले में 'पॉलीग्राफी' टेस्ट देने से मुकरा
वकील का बयान सामने आया
हरियाणा। मंत्री संदीप सिंह ने उनके खिलाफ दर्ज यौन उत्पीड़न के एक मामले में 'पॉलीग्राफी' टेस्ट के लिए अपनी सहमति देने से इनकार किया है. उन्होंने यह कहते हुए इसे खारिज कर दिया कि इसकी कोई प्रमाणिक अहमियत नहीं है.
उन्होंने चंडीगढ़ पुलिस की ओर से दायर एक याचिका के जवाब में कोर्ट में अपना जवाब सौंपा. पुलिस ने यह टेस्ट कराए जाने के लिए उनकी सहमति मांगी थी. मंत्री ने अपने जवाब में अदालत से अनुरोध किया कि 'पॉलीग्राफी' टेस्ट के लिए विशेष जांच दल की ओर से दायर अर्जी को 'न्याय के हित में' खारिज किया जाए. सिंह के वकील ने बताया कि अदालत ने याचिका खारिज कर दी लेकिन आदेश के डिटेल का इंतजार है. मंत्री ने एक महिला एथलीट कोच द्वारा उनके खिलाफ लगाए गए आरोप को 'झूठा और निराधार' बताया है. यह पूछे जाने पर कि संदीप सिंह ने पॉलीग्राफ टेस्ट के लिए सहमति से इनकार क्यों किया, उनके वकील दीपक सभरवाल ने कहा, 'हमने तीन सबमिशन दिए हैं. कि पॉलीग्राफ टेस्ट का कोई साक्ष्य मूल्य नहीं है, यह केवल तनाव को मापता है, जवाब की सत्यता को नहीं. इसके अलावा यह केवल जांच में देरी करने और संदीप सिंह को परेशान करने के लिए है.'
पहली बार विधायक बने सिंह पर आईपीसी की धारा 354 (महिला की लज्जा भंग करने के इरादे से हमला या आपराधिक बल का प्रयोग), 354 ए (यौन उत्पीड़न), 354 बी (उसे नग्न होने के लिए मजबूर करना) के तहत मामला दर्ज किया गया है. चंडीगढ़ पुलिस ने मामले की जांच के लिए विशेष जांच दल का गठन किया है और कुछ दिन पहले मामले की शिकायतकर्ता महिला कोच से पूछताछ की थी.