मंत्री आलमगीर आलम को कोर्ट से लगा बड़ा झटका, फिर बढ़ी ED की रिमांड

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Update: 2024-05-27 14:32 GMT
झारखंड। झारखंड के टेंडर कमीशन घोटाले मामले में पूर्व ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम को कोर्ट से राहत नहीं मिल पाई. कोर्ट ने उनकी ईडी रिमांड तीसरी बार तीन दिनों के लिए बढ़ा दी है. आलमगीर से इससे पहले 11 दिनों तक रिमांड में पूछताछ हो चुकी है. आलमगीर की रिमांड की अवधि सोमवार को पूरी हो गई थी जिसके बाद उन्हें ईडी ने कड़ी सुरक्षा के बीच रांची पीएमएलए (PMLA Court) की स्पेशल कोर्ट में पेश किया. ईडी की ओर से सरकारी वकील शिव कुमार उर्फ काका ने आलमगीर आलम से पूछताछ के लिए और पांच दिनों की रिमांड की अपील की थी, लेकिन इसका आलमगीर आलम के वकील ने पुरजोर विरोध किया. इसके बाद कोर्ट ने तीन दिनों के लिए रिमांड बढ़ाने का आदेश दिया।

ईडी ने आलमगीर आलम को पीएस संजीव लाल के ठिकानों से 32 करोड़ 20 लाख रुपये कैश की बरामदगी के मामले में 15 मई की शाम गिरफ्तार किया था. इसके पहले उनसे 14 और 15 मई को कुल मिलाकर करीब 14 घंटे पूछताछ की गई थी. इस मामले में उनके निजी सचिव संजीव कुमार लाल और उनके नौकर जहांगीर आलम को 7 मई को ही गिरफ्तार कर लिया गया था. इन दोनों से 14 दिनों तक रिमांड पर पूछताछ की गई है और दोनों को पिछले मंगलवार को कोर्ट में पेश करने के बाद न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है. ईडी ने कोर्ट को बताया कि ग्रामीण विकास विभाग में टेंडर कमीशन घोटाले में इंजीनियर, अधिकारी और आलमगीर आलम का एक संगठित गिरोह सक्रिय था. ईडी ने सबूत के तौर पर जनवरी महीने में पारित 92 करोड़ के 25 टेंडर के ब्यौरे से संबंधित एक पेपर भी कोर्ट में जमा किया है, जिसमें यह स्पष्ट लिखा हुआ है कि मंत्री आलमगीर आलम ने सभी 25 टेंडर में कमीशन के रूप में 1.23 करोड़ रुपये लिए थे।
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