मौसम विभाग: 'ला नीना' के चलते साल 2022 के फरवरी अंत तक रहेगी ठंड

देश में इस साल ठंड की अवधि बढ़ने के पीछे 'ला नीना' मुख्य कारण बना हुआ है। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक भारत में इसका असर फरवरी अंत तक रहेगा।

Update: 2022-01-29 17:49 GMT

देश में इस साल ठंड की अवधि बढ़ने के पीछे 'ला नीना' मुख्य कारण बना हुआ है। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक भारत में इसका असर फरवरी अंत तक रहेगा। प्रशांत महासागर की ठंडी हवाएं आस्ट्रेलिया से हिंद महासागर होते हुए भारत के मौसम को प्रभावित कर रही हैं। ये ठंडी हवाएं पश्चिमी विक्षोभ और ओलावृष्टि का कारण बन रही हैं। इसकी वजह से ठंड अभी घटने का नाम नहीं ले रही है।

इससे ही लगातार पश्चिमी विक्षोभ, बेमौसम बारिश, पाला और बर्फबारी हो रही

इस साल उत्तर छत्तीसगढ़ के पांच जिले अंबिकापुर, जशपुर, बलरामपुर, जांजगीर और बिलासपुर में कड़ाके की ठंड की चपेट में हैं। पठारी इलाकों में हर दिन पाला गिर रहा है। इसके चलते बीच-बीच में बारिश भी हो रही है। इन सब कारणों से फरवरी के अंत तक ठंड पड़ने की संभावना जताई जा रही है। ला नीना और अल नीनो पूरे विश्व के मौसम को प्रभावित करने वाले कारक रहे हैं। चूंकि देश में इस साल ला नीना वर्ष घोषित है, लिहाजा इसका असर भी उतना ही प्रभावी है। इसके कारण उत्तरी इलाके में पश्चिमी विक्षोभ और चक्रवात का ज्यादा असर हो रहा है। जनवरी में ही छत्तीसगढ़ में छह बार पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो चुका है और फरवरी के पहले सप्ताह में फिर से आने भविष्यवाणी है।
इसका यह होता है असर
अमेरिकन जियोसाइंस इंस्टीटयूट के अनुसार ला नीना की वजह से समुद्री जल स्तर ठंडा हो जाता है। ला नीना अपनी गति के साथ उष्णकटिबंधीय चक्रवातों की दिशा बदल सकती है। उत्तरी आस्ट्रेलिया और दक्षिण-पूर्व एशिया में काफी ज्यादा नमी वाली स्थिति पैदा होने के कारण इंडोनेशिया और आसपास के इलाकों में भारी बारिश हो सकती है, वहीं इक्वेडोर और पेरू में सूखे की स्थिति बन रही है। भारत में जबरदस्त ठंड के साथ बारिश हो रही है। ओला गिर रहा है।
स्पेनिश शब्द है ला नीना, मतलब छोटी बालिका
स्पेनिश भाषा में ला नीना का मतलब होता है नन्ही बच्ची। नेशनल ओशनिक सर्विस आफ नेशनल ओशनिक एंड एटमास्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन के अनुसार, ला नीना को कभी-कभी एल विएजो या एंटी-एल नीनो भी कहा जाता है। ला नीना का देश के उत्तरी इलाके में ज्यादा असर दिख रहा है। पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता और उत्तर की सर्द हवाओं के कारण उत्तरी छत्तीसगढ़ के पठारी इलाकों में जनवरी के आखिरी दिनों में न्यूनतम तापमान तीन डिग्री के करीब पहुंच गया है। मैनपाट और सामरी पाट क्षेत्र में लगातार पाला और शीतलहर की स्थिति बन रही है।
एएम भट्ट, वरिष्ठ मौसम विज्ञानी, अंबिकापुर
ला नीना की वजह से देश के उत्तरी इलाकों में लगातार बर्फबारी और बारिश हो रही है। वहां से चल रहीं बर्फीली हवाओं के कारण पूर्वी उत्तर प्रदेश, झारखंड, बिहार, मध्य प्रदेश और उत्तरी छत्तीसगढ़ में ठंड में बढ़ोतरी हो रही है। यह प्रभाव आगे भी बना रहेगा क्योंकि फरवरी के पहले हफ्ते में भी कई इलाकों में बारिश व बर्फबारी की संभावना है।


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