Twitter को पछाड़ने Meta ने लिया बड़ा फैसला

Update: 2023-03-11 02:21 GMT

Facebook, Instagram जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म की पैरेंट कंपनी Meta एक नए प्रोडक्ट पर काम कर रही है. इस प्रोडक्ट के बारे में अभी बहुत कम जानकारी है, लेकिन कुछ-कुछ ट्विटर जैसा हो सकता है. एलॉन मस्क की एंट्री के बाद से ट्विटर को लेकर लोगों में मन में संदेह है और टेक कंपनियां इसका फायदा उठाना चाहती हैं.

अब इस गेम में Facebook की पैरेंट कंपनी Meta की एंट्री हो चुकी है. मेटा एक नया सोशल मीडिया ऐप तैयार कर रहा है, जिस पर लोग टेक्स्ट बेस्ड अपडेट्स पोस्ट कर सकेंगे. ये ऐप अभी अपने शुरुआती दौर में है. कंपनी ने Platformer को दी एक्सक्लूसिव जानकारी में बताया, 'हम टेक्स्ट अपडेट्स शेयर करने के लिए एक स्टैंडअलोन डिसेंट्रलाइज्ड सोशल नेटवर्क तैयार कर रहे हैं.' कंपनी ने बताया, 'हमें लगता है कि अभी एक स्पेस मौजूद है, जहां क्रिएटर्स और पब्लिक फिगर्स अपने इंटरेस्ट के बारे में समय-समय पर शेयर कर सकते हैं.' मेटा के नए ऐप को लेकर चर्चाएं पिछले कुछ वक्त से लगातार सुनने को मिल रही हैं. इसे P92 कोडनेम से स्पॉट भी किया गया है, जिसमें यूजर्स Instagram क्रेडेंशियल्स की मदद से लॉगइन कर सकेंगे. प्रोजेक्ट के बारे में फिलहाल कम जानकारी मौजूद है. ये प्रोडक्ट अभी-भी अपने शुरुआती दौर में है. रिपोर्ट्स की मानें तो इसे लेकर अभी कोई भी ट्राइमफ्रेम नहीं तैयार किया गया है, लेकिन लीगल और रेगुलेटरी टीम्स ने काम शुरू कर दिया है. इस प्रोजेक्ट को इंस्टाग्राम के प्रमुख Adam Mosseri लीड कर रहे हैं.

इस प्रोजेक्ट के बारे में सबसे दिलचस्प बात ये है कि Meta इसका नेटवर्क डिसेंट्रलाइज्ड रखेगी. मेटा का ये कदम उसे दूसरे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स से मुकाबला करने में मदद करेगा. पहले भी डिसेंट्रलाइज्ड ऐप्स को लेकर मांग उठ चुकी है. किसी ऐप के नेटवर्क का डिसेंट्रलाइज्ड होने का मतलब है कि उसका डेटा किसी एक जगह या सर्वर पर स्टोर और कंट्रोल नहीं होगा. बल्कि इसका कोई केंद्र ही नहीं होगा. इसे आप क्रिप्टोकरेंसी की तरह समझ सकते हैं. जैसे हमारे पैसे को RBI कंट्रोल करता है, लेकिन क्रिप्टोकरेंसी को कोई भी संस्था या एजेंसी कंट्रोल नहीं करती है.

यहां तक की Twitter के पूर्व सीईओ और को-फाउंड Jack Dorsey ने भी डिसेंट्रलाइज्ड नेटवर्क की बात कही थी. उन्होंने कुछ दिनों पहले ही अपना नया ऐप Bluesky लॉन्च किया है, जो एक डिसेंट्रलाइज्ड ऐप है. ये ऐप फिलहाल iOS पर बीटा वर्जन में उपलब्ध है और इसे यूज करने के लिए आपको प्राइवेट इनवाइट की जरूरत होगी. इसका डिजाइन काफी हद तक ट्विटर जैसा ही है. डिसेंट्रलाइज्ड ऐप्स के साथ कुछ चुनौतियां भी हैं. अभी तक कोई डिसेंट्रलाइज्ड ऐप एक प्रॉफिटेबल बिजनेस में कन्वर्ट नहीं हो पाया है. ये चुनौती मेटा के साथ भी रहेगी, जो पिछले कुछ वक्त से रेवेन्यू को लेकर जूझ रही है.


Tags:    

Similar News

-->