तीर्थयात्रियों के लिए अनिवार्य किया चिकित्सा जांच, 101 लोगों की मौत के बाद अलर्ट पर प्रशासन

Update: 2022-05-30 02:01 GMT

उत्तराखंड। चारधाम यात्रा (Chardham Yatra) के दौरान 100 से अधिक तीर्थयात्रियों की मौत के बाद उत्तराखंड (Uttarakhand) सरकार ने बड़ा फैसला किया है. अब 50 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को अनिवार्य हेल्थ स्क्रीनिंग से गुजरना होगा. उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, यात्रा के दौरान 101 तीर्थयात्रियों की मौत हुई है, जिसमें केदारनाथ धाम में 49, बद्रीनाथ धाम में 20, गंगोत्री धाम में 7 और यमुनोत्री धाम में 25 शामिल हैं. इनमें से रविवार को केदारनाथ और बद्रीनाथ में एक-एक की मौत हो गई. जानकारी के अनुसार मौतों का कारण कार्डियक अरेस्ट और अन्य बीमारियां हैं.

दरअसल कोविड-19 महामारी के कारण दो साल के अंतराल के बाद, तीन मई को चार धाम यात्रा शुरू हुई. यात्रा में उत्तरकाशी में यमुनोत्री और गंगोत्री, रुद्रप्रयाग में केदारनाथ और चमोली जिलों में बद्रीनाथ की तीर्थयात्रा शामिल हैं. ये सभी गढ़वाल हिमालय के पहाड़ी इलाके में स्थित हैं. यात्रा शुरू होने के बाद से ही लगातार तीर्थयात्रियों की मौतों का सिलसिला जारी है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार मौतों का आंकड़ा अब 100 को भी पार कर गया है. जिसको देखते हुए उत्तराखंड सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. उत्तराखंड की स्वास्थ्य महानिदेशक शैलजा भट्ट ने कहा कि हमने चार धाम यात्रा के लिए आने वाले 50 और उससे अधिक उम्र के सभी तीर्थयात्रियों के लिए मेडिकल स्क्रीनिंग अनिवार्य करने का फैसला किया है.

रुद्रप्रयाग के मुख्य चिकित्सा अधिकारी बीके शुक्ला ने बताया कि आगे की यात्रा पर जाने के लिए चिकित्सकीय रूप से अयोग्य पाए गए तीर्थयात्रियों को वापस लौटने की सलाह दी जा रही है. वहीं जो इस बात को मानने से इनकार करते हैं और मंदिर तक पहुंचने के लिए अड़े हैं. हम उन तीर्थयात्रियों से इसका पालन करने का वचन भी ले रहे हैं.

उत्तरकाशी के मुख्य चिकित्सा अधिकारी केएस चौहान ने भी पुष्टि की कि 50 साल से ऊपर के तीर्थयात्रियों के लिए अनिवार्य आधार पर चिकित्सा जांच की जा रही है. उन्होंने कहा कि बड़कोट, जन की चट्टी और यमुनोत्री मंदिर में तीन स्थानों पर चिकित्सा जांच की जा रही है, जबकि हिना और गंगोत्री मंदिर में 50 वर्ष से अधिक आयु के तीर्थयात्रियों के लिए चिकित्सा जांच की जा रही है.


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