माफिया और पलायन के लिए जाने जाना वाला मऊ और शामली में खुल रहा मेडिकल कॉलेज: सीएम योगी
लखनऊ: यूपी के चिकित्सा शिक्षा क्षेत्र के लिए बुधवार का दिन काफी महत्वपूर्ण रहा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति में एक ओर जहां शामली और मऊ जिले में पीपीपी मोड पर मेडिकल कॉलेज स्थापना के लिए अनुबंध हुए, वहीं मिशन निरामयाः के अंतर्गत प्रदेश के सभी नर्सिंग और पैरामेडिकल संस्थानों की रेटिंग जारी की गई।
इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि माफिया और पलायन के लिए जाने जाना वाला मऊ और शामली में आज मेडिकल कॉलेज खुल रहा है। 2017 से पहले प्रदेश में मात्र 12 मेडिकल कॉलेज थे, लेकिन 2017 के बाद आदरणीय प्रधानमंत्री की 'एक जिला-एक मेडिकल कॉलेज की परिकल्पना को साकार करते हुए आज उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में मेडिकल कॉलेज की स्थापना हो रही है। आज 45 जिलों में सरकारी मेडिकल कॉलेज संचालित हैं, जबकि 16 जिलों में निर्माणाधीन हैं। उन्होंने कहा कि मऊ और शामली जैसे जिले, जो आज से छह वर्ष पहले अन्य कारकों से जाने जाते थे, वहां आज मेडिकल कॉलेज स्थापित हो रहे है। मऊ माफ़िया के कारण भयभीत रहता था तो शामली में पलायन का दंश था। लेकिन आज इन दोनों ही जिलों में मेडिकल कॉलेज की स्थापना हो रही है। यह किसी सपने के साकार होने जैसा है।
योगी ने कहा कि पिछली सरकारों ने पैरामेडिकल और नर्सिंग संस्थानों को उपेक्षित रखा था। स्टेट मेडिकल फैकल्टी खुद बीमार थी और गुणवत्तापरक शिक्षा पर कोई ध्यान नहीं था। ऐसे में 'मिशन निरामयाः' की आवश्यकता थी, जिसे सरकार ने बढ़ाया। इसके तहत 12 अच्छे संस्थानों को मेंटॉर के रूप में चिन्हित किया गया। मेंटॉर-मेंटी की नीति के साथ आगे बढ़ी सुधार की प्रक्रिया का ही परिणाम है कि आज आठ और संस्थान मेंटॉर के रूप में अपग्रेड हो गए हैं। यह बदलती हुई व्यवस्था का प्रमाण है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के 16 असेवित जनपदों में पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) आधार पर मेडिकल कालेज की स्थापना किए जाने का निर्णय लिया गया था। इस क्रम में महाराजगंज एवं संभल में निजी निवेश कर्ताओं का चयन पूर्व में किया जा चुका है एवं दोनों स्थान पर मेडिकल कॉलेज का निर्माण प्रगति पर है। आज जनपद मऊ में राजीव सामाजिक शिक्षा सेवा संस्थान को तथा जनपद शामली में चिन्हित प्राईवेट पार्टनर-ज्ञान चेतना एजुकेशलन सोसाइटी एवं उत्तर प्रदेश शासन के बीच एग्रीमेण्ट हस्ताक्षरित हुआ है। प्रत्येक स्थान पर निजी निवेशकर्ता द्वारा लगभग 250 करोड़ रूपये के निवेश से एक निजी मेडिकल कॉलेज स्थापित किया जायेगा।
इस मौके पर नर्सिंग व पैरामेडिकल संस्थानों की गुणवत्ता सुधार के लिए अपनाई गई 'मेंटॉर-मेंटी' प्रक्रिया के तहत आठ नए संस्थानों को मेंटॉर का प्रमाण पत्र दिया गया। क्यूसीआई के सेक्रेटरी जनरल आरपी सिंह ने बताया कि उत्तर प्रदेश के इस प्रयास का अनुकरण करते हुए नीति आयोग ने इंडियन नर्सिंग कॉउंसिल को ऐसी ही व्यवस्था पूरे देश में लागू करने का परामर्श दिया है।