मौलवी ने लड़के को बनाया हवस का शिकार, मिली ये सजा

जज ने कविता लिखकर अपने मन की बात भी कही।

Update: 2024-03-14 07:28 GMT
कोटा: राजस्थान के कोटा में एक नाबालिग लड़के के साथ दुष्कर्म करने वाले मौलवी को पॉक्सो कोर्ट ने अंतिम सांस तक जेल की सजा सुनाई है। आरोपी मौलवी नसीम खान पर कोर्ट ने 21 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। फैसला सुनाने के दौरान जज ने कविता लिखकर अपने मन की बात भी कही। जज ने कहा कि फांसी देने से दोषी अपने पापों का प्रायश्चित नहीं कर पाएगा।
दरअसल, यह 22 अक्टूबर 2023 का मामला है। कोटा ग्रामीण के बुद्दादित थाने में पीड़ित लड़के के चाचा ने पुलिस में शिकायत दी थी। जिसमें बताया गया था कि लड़के के पिता की मौत के बाद से ही वह उसे अपने पास रखकर पढ़ा रहे हैं। 22 अक्टूबर को लड़का रोता हुआ घर पर आया। उसने बताया कि मस्जिद में मौलवी के पास वह अरबी पढ़ने गया था। वहां पर मौलवी नसीम खान ने उसे थोड़ी देर पढ़ाया, फिर कमरे में ले जाकर उसके साथ गलत काम किया और किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी भी दी। घटना की शिकायत के बाद पुलिस ने प्रकरण दर्ज करके जांच के बाद आरोपी मौलवी को गिरफ्तार कर लिया था।
जज ने लिखी कविता
आरोपी मौलवी को सजा सुनाने के दौरान जज ने पीड़ित लड़के के लिए अपने मन की बात को कविता के माध्यम से आदेश में कुछ ऐसे लिखा:-
'मेरे नन्हे मुन्ने मासूम फरिश्ते, तुम निर्दोष हो,
तुम्हारी मुस्कान ही सारा जहां है,
तुम्हारी सूरत में अल्लाह का नूर बसता है,
तुम मन मस्तिष्क से कटु स्मृतियों को मिटा दो,
तुम्हारे गुनहगार को हमने आजीवन सलाखों के पीछे भेज दिया है,
अब तुम हंस खेलकर इस जीवन को यापन करो,
तुम्हारी आंखों से बहते आंसू तुम्हारा घर नहीं देख पाएगा...'
इसके साथ ही जज ने कहा कि आरोपी को फांसी देने से वह अपने पापों का प्रायश्चित नहीं कर पाएगा।
क्यों नहीं दी फांसी?
अधिवक्ता ललित कुमार शर्मा ने बताया कि इस मामले में पुलिस ने 14 दिन में जांच पूरी करके कोर्ट में चालान पेश कर दिया। इस दौरान कोर्ट में 24 दस्तावेज पेश किए गए। साथ ही 11 गवाहों के बयान भी दर्ज करवाए गए। वहीं कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान आरोपी मौलवी को फांसी की सजा देने की मांग की गई थी। लेकिन जज ने उसे आजीवन अंतिम सांस तक जेल में रहने की सजा दी।

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