Martyrs day 2023 : 23 मार्च को क्यों मनाया जाता है शहीद दिवस

भारत में हर साल शहीद दिवस (Martyr’s day) 23 मार्च को मनाया जाता है।

Update: 2023-03-22 17:56 GMT

भारत में हर साल शहीद दिवस (Martyr’s day) 23 मार्च को मनाया जाता है। इसी दिन 23 मार्च 1931 को देश के तीन स्वतंत्रता सेनानी सुखदेव, भगत सिंह और राजगुरू को अंग्रेजी हुकूमत द्वारा फांसी की सजा दी गयी थी। भारत में शहीद दिवस ऐसे योद्धाओं को याद करने के लिए मनाया जाता है जिन्होंने अपने प्राण की परवाह न करते हुए देश की स्वतंत्रता ,कल्याण और प्रगति के लिए हर संभव प्रयास किया और अंत में शहीद हो गए।

देश में 23 मार्च को शहीद दिवस तीन युवा क्रांतिकारियों भगत सिंह ,राजगुरु ,सुखदेव के बलिदान को याद करते हुए हर साल मनाया जाता है। इसके अतिरिक्त भी 30 जनवरी को महात्मा गाँधी जी की याद में Shaheed Diwas मनाया जाता है। 30 जनवरी 1948 के दिन ही नाथूराम गोडसे ने महात्मा गाँधी जी की गोली मरकर हत्या की गयी थी। इस दिन की याद में भी देश में 30 जनवरी को शहीद दिवस (Martyr’s day) के रूप में मनाया जाता है।

शहीद दिवस (Martyr’s day) का इतिहास

भगत सिंह का जन्म पंजाब के लायलपुर में 28 सितम्बर 1907 को हुआ था। इन्होने अपने साथियों राजगुरु और सुखदेव आजाद और गोपाल के साथ मिलकर लाला लाजपत राय की हत्या का बदला लेने के लिए एक योजना बनाई थी। शेर ए पंजाब नाम से प्रसिद्ध लाला लाजपत राय को लाहौर में 30 अक्टूबर 1928 को घटित एक बड़ी घटना का शिकार होना पड़ा था।दरअसल साइमन कमीशन के विरोध कर रहे युवाओं को अंग्रेजी सैनिकों द्वारा बहुत ही बेहरहमी से पिता गया था। इस विरोध का नेतृत्व लाला लाजपत राय कर रहे थे। पुलिस ने लाला लाजपत राय की छाती में बड़ी ही बेहरहमी से अपनी लाठियों से प्रहार किया था जिसके बाद लाला लाजपत राय बुरी तरीके से घायल हो गये थे। 17 नवम्बर 1928 को उनकी मृत्यु हो गयी। देश में इस घटना के बाद सभी देशवासी भड़क उठे और भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव, चंद्रशेखर आजाद और अन्य क्रांतिकारियों ने लालाजी की मौत का बदला लेने का निर्णय लिया।
17 दिसंबर 1928 को तीनो क्रन्तिकारी भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव ने मिलकर अंग्रेजी अधिकारी जेपी सांडर्स को गोली मारकर उसकी हत्या कर दी। इस घटना के बाद भगत सिंह ने अपने साथी बटुकेश्वर दत्त के साथ मिलकर 8 अप्रैल 1929 को सेंट्रल असेम्बली में बम फेंका था। इसके आड़ दोनों की गिरफ़्तारी की गयी और 2 साल के कारावास के बाद भगत सिंह (Bhagat Singh) ,राजगुरु (Shivram RajGuru) और सुखदेव (Sukhdev Thaper) को फांसी के फंदे पर लटकाया गया।
शहीद दिवस का महत्व
हर साल 23 मार्च को युवा क्रांतिकारियों की सहादत को याद करते हुए शहीद दिवस को मनाया जाता है। 23 march के ही दिन भगत ,सिंह ,राजगुरु ,सुखदेव को फांसी पर लटकाया गया था। shahid diwas केवल शहीदों का बलिदान दिवस नहीं है बल्कि यह आज की युवा पीढ़ी को अपने कर्तव्यों और देश की सेवा के लिए भी प्रेरणा प्रदान करती है। देश में मनाये जाने वाले शहीद दिवस भारत की युवा को राष्ट्रप्रेम की प्रेरणा देता है। हर साल मनाये जाने वाले Martyr’s day उन सभी क्रांतिकारियों के बलिदानों को जीवित रखता है और देश के लिए कुछ कर गुजरने के लिए देशवासियों को सदैव प्रेरित करता है।
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