नई दिल्ली। शराब नीति केस से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका दिल्ली हाई कोर्ट ने खारिज कर दी है। हाई कोर्ट ने 14 मई को सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। इससे पहले राउज एवेन्यू कोर्ट ने उनकी न्यायिक हिरासत 31 मई तक बढ़ा दी थी। सिसोदिया करीब 15 महीने से तिहाड़ में बंद हैं। उन्हें CBI ने 26 फरवरी 2023 को गिरफ्तार किया था। वहीं, ED ने 9 मार्च 2023 को CBI की FIR से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सिसोदिया को गिरफ्तार किया था। 28 फरवरी 2023 को सिसोदिया ने दिल्ली कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था।
सिसोदिया जमानत के लिए दिल्ली हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक याचिका लगा चुके हैं, लेकिन हर बार उनकी याचिका खारिज हो गई। मार्च 2024 में सिसोदिया ने ट्रायल कोर्ट में दोबारा जमानत अर्जी लगाई है, जिस पर सुनवाई बाकी है। हाईकोर्ट ने ED-CBI से जमानत को लेकर अपना जवाब मांगा था। राउज एवेन्यू कोर्ट ने 30 अप्रैल को सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। इसके बाद उन्होंने निचली अदालत के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। हालांकि, इस दिन कोर्ट ने सिसोदिया को बड़ी राहत देते हुए हफ्ते में 1 बार पत्नी से मिलने की इजाजत दी थी।
इसके बाद मामले की अगली सुनवाई 7 मई को हुई। तब हाई कोर्ट ने ED और CBI दोनों को सिसोदिया की जमानत याचिकाओं पर अपना जवाब दाखिल करने के लिए एक हफ्ते का समय दिया था। इस दौरान ED ने सिसोदिया की जमानत का विरोध किया और कहा कि इस मामले में लो आम आदमी पार्टी को आरोपी बनाएगी। 14 मई को सिसोदिया की जमानत याचिका हाई कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
CBI ने सिसोदिया को 26 फरवरी, 2023 को गिरफ्तार किया था। ED ने न्यायिक हिरासत के दौरान उन्हें 9 मार्च, 2023 को गिरफ्तार किया था। सिसोदिया तब से तिहाड़ जेल में हैं। उन्होंने ED मामले में राउज एवेन्यू कोर्ट में जमानत याचिका दायर की थी, जिसे 28 अप्रैल, 2023 को खारिज कर दिया गया था। CBI मामले में उनकी जमानत याचिका 31 मार्च, 2023 को खारिज हुई थी। इसके बाद उन्होंने दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। हालांकि, हाई कोर्ट ने ED मामले में उनकी जमानत याचिका को 3 जुलाई, 2023 और CBI मामले में उनकी जमानत याचिका 30 मई, 2023 को खारिज की थी। सुप्रीम कोर्ट ने 30 अक्टूबर, 2023 सिसोदिया को जमानत देने से इनकार कर दिया था। कोर्ट ने कहा था कि घोटाले से जुड़े कई सवालों के जवाब अभी नहीं मिले हैं। इनमें 338 करोड़ का लेन-देन हुआ है, जिसमें सिसोदिया की भूमिका संदिग्ध लग रही है। इसलिए याचिका खारिज की जाती है।