लोकसभा चुनाव ब्रेकिंग: बीजेपी नेता ने बेटे के भविष्य को लेकर दिया बड़ा बयान
लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी ने इस बार पीलीभीत से सांसद वरुण गांधी को चुनावी मैदान में नहीं उतारा है। बीजपी ने जतिन प्रसाद को इस सीट पर उम्मीदवार बनाया है। वहीं गांधी परिवार की बहू मेनका गांधी पर एक बार फिर भरोसा जताया गया और उन्हें सुलतानपुर सीट से टिकट दे दिया गया। एनडीटीवी के बात के दौरान मेनका गांधी ने कहा कि उन्हें बेटे वरुण में पूरा विश्वास है। मेनका गांधी ने कहा कि वरुण का कद अपने आप में बड़ा है और उनके भविष्य की चिंता करने की जरूरत नहीं है।
मेनका गांधी ने कहा, मैं पार्टी के फैसले का सम्मान करती हूं और उसको किसी भी तरह चैलेंज नहीं करना चाहती। हमें वरुण गांधी की क्षमता के बारे में पता है। वह अपना रास्ता खुद बना लेंगे। उन्होंने कहा कि कुछ ळोग सांसद बनते हैं और कुछ लोग बिना सांसद बने ही राजनेता बन जाते हैं। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखऱ का उदाहरण देते हुए कहा कि वह पहले किसी भी सरकारी पद पर नहीं रहे थे।
सुल्तानपुर से सांसद मेनका ने कहा, आप नहीं जानते कि जीवन ने आपके लिए क्या संभालकर रखा है। बता दें कि वरुण गांधी पीलीभीत से दो बार सांसद रह चुके हैं। बीते कुछ सालों से वह भाजपा सरकार की आलोचना करते नजर आते थे। वहीं इस बार भाजपा ने उनका टिकट काट दिया जिससे पार्टी और वरुण के बीच अनबन के कयास लगाए गए। हालांकि वरुण गांधी ने इस बारे में कोई बयान नहीं दिया है।
एक दिन पहले ही बीबीसी से बात करते हुए मेनका ने कहा था कि 28 साल की उम्र में सांसद बनने के बाद वरुण गांधी ने बहुत सारे लोगों का दिल जीता है। उन्होंने अर्थव्यवस्था पर दो बेस्ट सेलर किताबें लिखी हैं। वह कविता भी लिखते हैं। उनको बहुत आगे जाना है। बता दें कि वरुण गांधी कई बार सीएम योगी आदित्यनाथ और पीएम मोदी पर भी बिना नाम लिए टिप्पणी कर चुके हैं। मेनका गांधी ने उनका समर्थन करते हुए कहा कि उन्होंने जो भी कहा होगा मुद्दे को लेकर कहा होगा। उनका व्यक्तिगत किसी से कोई तनाव नहीं है।
वरुण गांधी के कांग्रेस में जाने को लेकर मेनका गांधी ने कहा कि ये सारे कयास मीडिया के हैं। लोग चाय की दुकान पर भी सरकारें बनाते और गिराते रहते हैं। सच ये है कि वरुण गांधी में कोई परिवर्तन नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि वरुण गांधी उनके लिए प्रचार करने भी आ सकते हैं। राहुल गांधी को लेकर सवाल पूछने पर मेनका गांधी ने कहा कि वह किसी और नेता पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहती।