'दुल्हन' की तलाश में सरकारी राहत शिविर पहुंचा शख्स, तहसीलदार ने आवेदन खारिज किया
30 से 40 साल की उम्र के बीच की दुबली-पतली और गोरी लड़की पाने में कामयाब हो जाता है तो वह उससे शादी कर लेगा।
जयपुर (आईएएनएस)| राजस्थान में एक दिलचस्प घटना में, एक व्यक्ति अपने लिए दुल्हन की तलाश में आवेदन लेकर राज्य द्वारा संचालित राहत शिविर पहुंच गया। हालांकि कुछ प्रक्रिया के बाद तहसीलदार ने आवेदन को खारिज कर दिया। घटना की जानकारी दौसा के गंगाडवाड़ी में तब हुई, जब 40 वर्षीय कैलाश उर्फ कल्लू महावर दुल्हन के लिए आवेदन देकर घर आया। अपनी अर्जी में कल्लू ने कहा कि अगर वह 30 से 40 साल की उम्र के बीच की दुबली-पतली और गोरी लड़की पाने में कामयाब हो जाता है तो वह उससे शादी कर लेगा।
उनके आवेदन पर विचार करने के बाद शिविर प्रभारी (तहसीलदार) हरिकिशन सैनी ने अन्य अधिकारियों को आवश्यक कार्रवाई करने का आदेश दिया। पंचायत सचिव, पटवारी व सरपंच की कमेटी बनाने की अनुशंसा की गई। आदेश के जवाब में इस कर्मी ने तहसीलदार को लिखा कि आवेदक के लिए योग्य पत्नी की तलाश के लिए ग्राम पंचायत सचिव, पटवारी और सरपंच की संयुक्त टीम गठित की जाए।
मामला सामने आया तो सोमवार सुबह कल्लू के घर लोगों का तांता लग गया। उसने बताया, मैंने पत्नी के लिए आवेदन दिया था। वह पांच भाई-बहनों में चौथे नंबर का है। उसकी बड़ी बहन और तीन भाइयों की शादी हो चुकी है। कल्लू छोटे भाई के पास रहता है। वह ग्राम पंचायत और बाजार में सफाई की दुकान चलाता है।
इस बीच पटवारी बाबूलाल गुर्जर ने स्वीकार किया कि उन्होंने कमेटी बनाने को कहा था। तहसीलदार हरिकिशन सैनी ने कहा कि पटवारी ने उन्हें टीम गठित करने का पत्र दिया। हालांकि टीम का गठन नहीं किया जा सकता है। ऐसे में हमने पटवारी व आवेदक के बयान के आधार पर सोमवार को उसकी अर्जी खारिज कर दी।