कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जीने मंगलवार को आरोप लगाया कि भाजपा नीत केंद्र सरकार संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) लागू करने के नाम पर लोगों को भ्रमित कर रही है. ममता बनर्जी ने यह भी दावा किया कि वह और उनकी पार्टी तृणमूल कांग्रेस मतुआ समुदाय के लोगों की देखभाल कर रही है, जिनकी जड़ें बांग्लादेश में हैं और सीएए के नाम पर उन्हें "दोस्त" के रूप में संपर्क करने की कोशिश करने के लिए भाजपा को दोषी ठहराया. बता दें कि सीएम ममता बनर्जी मंगलवार को मालदा में प्रशासनिक बैठक के दौरान ये बातें कहीं.
ममता बनर्जी ने कहा, नागरिकता (संशोधन) अधिनियम के नाम पर, वे (केंद्र) लोगों को भ्रमित कर रहे हैं. हम लंबे समय से मतुआ की देखभाल कर रहे हैं, लेकिन जब चुनाव आते हैं, तो भाजपा उनके पास जाती है, उनके दोस्त होने का दावा करती है और सीएए के लोग चिल्लाने लगती है."
बता दें कि मूल रूप से पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) के रहने वाले मतुआ, ज्यादातर वहां धार्मिक उत्पीड़न के कारण, ने 1950 के दशक में पश्चिम बंगाल में प्रवास करना शुरू कर दिया था. सीएए अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान के हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों के प्रवासियों को नागरिकता देने की सुविधा प्रदान करता है, लेकिन चूंकि अधिनियम के तहत नियम अभी तक सरकार द्वारा नहीं बनाए गए हैं, इसलिए अब तक किसी को भी इसके तहत नागरिकता नहीं दी जा सकती है.
ममता बनर्जी ने भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर राज्य का बकाया "जारी नहीं" करने का भी आरोप लगाया. उन्होंने कहा, "आप (केंद्र) पर बंगाल का 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक का बकाया है, हमें हमारा बकाया दें." ममता बनर्जी ने पहले आरोप लगाया था कि केंद्र महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के लिए धन जारी नहीं कर रहा है. पश्चिम बंगाल के मालदा और मुर्शिदाबाद जिलों में ज्यादातर नदी के कटाव का जिक्र करते हुए बनर्जी ने कहा कि केंद्र सरकार ने "मामले को देखना बंद कर दिया है." उन्होंने कहा, "अब हमारी सबसे बड़ी चुनौती नदी के कटाव को रोकना है। केंद्र अब इस पर ध्यान नहीं दे रहा है। हमें उनसे 700 करोड़ रुपये मिलने हैं."