मुंबई: मालेगांव विस्फोट मामले में एक और गवाह मुकर गया है. उसने यह करने से इनकार कर दिया कि उसने जांच एजेंसी से पहले क्या कहा था. पूछताछ में इंदौर के एक होटल में काम करने वाले गवाह ने अजय रहीरकर जैसे कुछ आरोपियों का नाम लिया था.
गुरुवार को जब गवाह विटनेस बॉक्स में आया तो वह मुकर गया. इस मामले में अब तक 26 गवाह अपने बयानों से पलट चुके हैं. बता दें कि यह गवाह उस वक्त मुकरा है जब बॉम्बे हाईकोर्ट में मुकदमे में तेजी आई है. दो अन्य गवाह थे जिन्हें अदालत के समक्ष पेश किया जाना था. लेकिन उनमें से भी कोई नहीं पहुंचा.
29 सितंबर, 2008 को मालेगांव में बम विस्फोट हुआ था. इसमें छह लोगों की मौत हो गई थी. इसके साथ ही करीब 100 अन्य घायल हुए थे. 23 अक्टूबर 2008 को एटीएस ने इस मामले में पहली गिरफ्तारी की थी. जोकि भाजपा सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर के रूप में हुई थी. इसके बाद अन्य आरोपी भी पकड़े गए थे. 20 जनवरी 2009 को एटीएस ने जांच पूरी करने के बाद मामले में चार्जशीट दाखिल की थी. 1 अप्रैल 2011 को केंद्र सरकार ने मामले की आगे की जांच एनआईए को सौंपी थी.
इससे पहले मामले में सुनवाई के दौरान 19वें गवाह ने बयान पलटते हुए कहा था कि वह केवल लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित को पहचानता है. अदालत में मौजूद आरोपियों में पुरोहित भी थे. गवाह ने कहा कि वह अन्य किसी आरोपी को नहीं जानता और ना ही कभी उनसे मिला.
इस गवाह ने यह भी कहा था कि उसने कभी भी दक्षिणपंथी समूह 'अभिनव भारत' की किसी भी बैठक में भाग नहीं लिया. गवाह ने कहा था कि उसे नहीं याद है कि उसने जांच एजेंसियों से क्या कहा था. आतंकवाद रोधी दल (एटीएस) और एनआईए ने बाद में मामले की जांच अपने हाथ में ले ली थी.