मखाना की खेती किसानों के आर्थिक समृद्धि का खोल रहा है द्वार

Update: 2023-08-04 16:23 GMT
ए डी खुशबू
कटिहार। कोढ़ा प्रखंड क्षेत्र में मखाना की खेती किसानों के आर्थिक समृद्धि का द्वार खोल रहा है प्रखंड क्षेत्र के किसान मखाना की खेती कर बेहतर मुनाफा कमा रहे हैं और इस वर्ष पिछले वर्ष के वनिस्पत मखाना के मूल्य काफी बेहतर है। क्योंकि पिछले वर्ष मखाना का मूल्य काफी गिर जाने के कारण किसानों को काफी घाटे का सौदा रहा था। परंतु इस वर्ष मखाना का मूल्य काफी बेहतर है जिस कारण किसानों के चेहरे पर सावन की तरह हरियाली भी दिख रही है। बताते चलें कि कोढ़ा प्रखंड क्षेत्र करीब एक दशक पूर्व केला की खेती के लिए जाने जाते थे मगर केला की खेती में पनामा विल्ट नामक रोग लग जाने के कारण यहां के किसानों का केला की खेती के तरफ से रुझान हटा और मखाना के तरफ हुआ और यहां के किसान मखाना की खेती करने लगे और मखाना की खेती में किसानों का बेहतर प्रयास का ही नतीजा है कि मखाना की बेहतर पैदावार हो रहा है। यहां के किसान तो मखाना की खेती करते ही हैं वैसे किसान भी खेती कर रहे हैं जिन्हें अपना जमीन नहीं है वे निचले सतह की भूमि को लीज पर लेकर मखाना की खेती की पहल की है।
इसमें अधिकांश किसान खेत में ही मेढ़ बनाकर पानी एकत्र कर मखाना की खेती किए और किसानों के मेहनत का नतीजा रहा कि मखाना की फसल भी बेहतर हुआ और इस वर्ष मखाना का मूल्य भी बाजार में बेहतर मिल रहा है। प्रखंड क्षेत्र के दर्जनों किसानों ने कहा कि खेत में ही मेढ़ बनाकर पानी एकत्र कर मखाना की खेती किए। जबकि उसकी खेती के लिए अत्यधिक पानी की आवश्यकता होती है, गर्मी के मौसम में खेतों में पानी पंडित करने में काफी परेशानी झेलनी पड़ती है। वहीं पानी एकत्र करने में मेहनत के साथ-साथ अत्यधिक खर्च भी उठाना पड़ता है। पानी के अभाव में मखाना की फसल बर्बाद होने की संभावना भी होती है मगर हम लोग पंपसेट से सिंचाई करते हैं। किसानों ने बताया कि पिछले वर्ष मखाना की खेती में काफी नुकसान उठाना पड़ा था। जिस कारण हम लोगों का इस बार मखाना लगाने का मन नहीं था मगर किसान तो साहसी होते हैं और जुवाड़ी भी फिर हिम्मत कर हम लोगों ने मखाना की खेती की और मखाना की खेती में काफी मेहनत कर मखाना उपजाये तो इस बार बाजार का मूल्य भी काफी बेहतर है। किसानों ने बताया कि बाजार में कच्चा मखाना 18 से बीस हजार रूपये क्विंटल बिक रहा है। और एक एकड़ में एक लाख रुपये से अधिक हो रहा है जबकि मखाना की खेती में एक एकड़ में खर्च 30 से चालीस हज़ार रुपये ही होता है।
Tags:    

Similar News

-->